विजय वर्तमान चंदैनी-गोंदा को प्रत्यक्षतः देखने, जानने, समझने और समझा सकने वाले लोग अब गिनती के रह गए हैं। किसी भी विराट कृति में बताने को बहुत कुछ होता है । अब हमीं कुछ लोग हैं जो थोड़ा-बहुत बता सकते हैं । यह लेख उसी ज़िम्मेदारी के तहत उपजा है...... 07 नवम्बर 1971 को बघेरा में चंदैनी-गोंदा का प्रथम प्रदर्शन हुआ। उसके बाद से आजपर्यंत छ. ग. ( तत्कालीन अविभाजित म. प्र. ) के लगभग सभी समादृत विद्वानों, साहित्यकारों, पत्रकारों, समीक्षकों, रंगकर्मियों, समाजसेवियों, स्वप्नदर्शियों, सुधी राजनेताओं आदि-आदि सभी ने चंदैनी-गोंदा के विराट स्वरूप, क्रांतिकारी लक्ष्य, अखण्ड मनभावन लोकरंजन के साथ लोकजागरण और लोकशिक्षण का उद्देश्यपूर्ण मिशन, विस्मयकारी कल्पना और उसका सफल मंचीय प्रयोग आदि-आदि पर बदस्तूर लिखा। किसी ने कम लिखा, किसी ने ज़्यादा लिखा, किसी ने ख़ूब ज़्यादा लिखा, किसी ने बार-बार लिखा। तब के स्वनामधन्य वरिष्ठतम साहित्यकारों से लेकर अब के विनोद साव तक सैकड़ों साहित्यकारों की कलम बेहद संलग्नता के साथ चली है। आज भी लिखा जाना जारी है। कुछ ग़ैर-छत्तीसगढ़ी लेखक जैसे परितोष चक्रवर्ती, डॉ हनुमंत नायडू जैसों
इस वर्ष दूरदर्शन द्वारा देश के विभिन्न केन्द्रों से छ: कथाकारों की कहानियों को राष्ट्रीय प्रसारण के लिए चुना गया जिसमें रायपुर केन्द्र से शशांक द्वारा लिखित उम्र के अंतराल को लांघकर प्रेम की उपलब्धि तक पहुंचने की कहानी ‘उन्नीस साल का लडका’ का प्रसारण आज 29 दिसम्बर, संध्या 06.00 बजे दूरदर्शन में किया जायेगा ।
इस फिल्म के पटकथा व संवाद लेखक कथाकार डॉ.परदेशीराम वर्मा हैं । छत्तीसगढ के परिवेश में रंगी यह कहानी स्थानीय सीमाओं को तोडती है । इस फिल्म का फिल्मांकन छत्तीसगढ के गरियाबंद व फिंगेश्वर क्षेत्र में किया गया है ।
फिल्म के कार्यकारी निर्माता बैकुण्ठ पाणिग्रही, निर्देशक डॉ.अजय सहाय हैं । प्रदीप पाठक द्वारा प्रस्तुत इस फिल्म के कलाकारों में प्रसिद्व कलाकार शिल्की गुहा भी हैं अन्य कलाकरों में मधु साहू, कुमार हर्ष, पूनम नकवी, महेश वर्मा व विनोद हैं कैमरा मैन यूसूफ खान हैं ।
इस फिल्म के पटकथा व संवाद लेखक कथाकार डॉ.परदेशीराम वर्मा हैं । छत्तीसगढ के परिवेश में रंगी यह कहानी स्थानीय सीमाओं को तोडती है । इस फिल्म का फिल्मांकन छत्तीसगढ के गरियाबंद व फिंगेश्वर क्षेत्र में किया गया है ।
फिल्म के कार्यकारी निर्माता बैकुण्ठ पाणिग्रही, निर्देशक डॉ.अजय सहाय हैं । प्रदीप पाठक द्वारा प्रस्तुत इस फिल्म के कलाकारों में प्रसिद्व कलाकार शिल्की गुहा भी हैं अन्य कलाकरों में मधु साहू, कुमार हर्ष, पूनम नकवी, महेश वर्मा व विनोद हैं कैमरा मैन यूसूफ खान हैं ।
संजीव जी, फिल्म के बारे में पढ़कर और जानने की उत्सुकता जाग उठी है..कैसे जाने? कहानी जानने के लिए इंतज़ार में हैं..
जवाब देंहटाएंदूसरी बात यह कि ज्यों ज्यों हम छत्तीसगढ़ के बारे में पढ़ रहे हैं त्यों त्यों उसे देखने की इच्छा तेज़ हो रही है..
मै शायद नही देख पाऊ पर घर मे बता दूंगा। जानकारी के लिये आभार।
जवाब देंहटाएंपूरी कहानी सुनाइए तब बात बने
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