
हॉं मैं बिगुल ब्लॉग वाले धारदार शव्द बाण के धनुर्धर बड़े भाई राजकुमार सोनी जी के संबंध में बता रहा हूं। राजकुमार सोनी जी से मेरा परिचय मेरे पसंदीदा नाटककार और थियेटर के पात्र के रूप में था , बिना मिले ही जिस प्रकार पात्रों से हमारा संबंध हो जाता है उसी तरह से मैं राजकुमार सोंनी जी से परिचित रहा हूं। तब भिलाई में राजकुमार सोनी और उनके मित्रों नें सुब्रत बोस की पीढी़ को सशक्त करते हुए नाटकों को जीवंत रखा था। मुझे कोरस, मोर्चा, घेरा, गुरिल्ला, तिलचट्टे जैसे नाटकों के लेखक निर्देशक राजकुमार सोनी को विभिन्न पात्रों में रम जाते देखना अच्छा लगता था, इनकी व इनके मित्रों की जीवंत नाट्य प्रस्तुति का मैं कायल था। राजकुमार सोनी की नाटकें मंचित होती रही, वे अपना जीवंत अभिनय की छटा व लेखनी की धार को निरंतर पैनी करते रहे। दुर्ग-भिलाई में रहते हुए साहित्तिक गोष्ठियों, कला व संस्कृति के छोटे से लेकर भव्य आयोजनों में राजकुमार सोनी की उपस्थिति का आभास हमें होता रहा।
उन दिनों राजकुमार सोनी भाई से मेरी व्यक्तिगत मुलाकात स्टील टाईम्स में हुई थी, दुबले-पतले तेज तर्रार सफेद कमीज पहनने वाले इस पत्रकार की समाचार लेखनी से मैं तब रूबरू हुआ था। और तब से लेकर आज तक इनके लिखे खोजपरक समाचारों को व कालमों को पढ़ते रहा हूं। तब मैं संतरा बाड़ी, दुर्ग में एम.काम. कर रहा था और कथाकार कैलाश बनवासी का पड़ोसी था, उपन्यासकार मनोज रूपडा की मिठाई की दुकान में दही समोसे खाकर दिन भर के खाने के खर्च को बचाने का यत्न करता था तब राजकुमार सोनी की कविता कथरी को वहां जीवंत पाता था।

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित राजकुमार सोनी जी के कालमों को भी यदि किताबों की शक्ल में छापा जाए तो पांच – सात किताबें प्रकाशित हो सकती हैं, किन्तु राजकुमार सोनी जी नें पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित अपनी लेखनी को सहेजकर कभी नहीं रखा है। विगत कुछ दिनों से मित्रों के बार-बार अनुरोध पर उन्होंनें अपने कुछ आलेख सहेजे हैं जो इनकी पहली कृति के रूप में आज प्रकाशित हो रही है। राजकुमार सोनी जी नें इस किताब में जीवन में निरंतर संघर्ष करते हुए अपनी मंजिल की ओर बढ़ते लोगों की कहानी लिखी है। पुस्तक का शीर्षक है ‘बिना शीर्षक’ जबकि इस किताब में वर्तमान के शीर्ष लोगों की कहानी है। ‘बिना शीर्षक’ के प्रकाशन पर भाई राजकुमार सोनी को बहुत बहुत बधाई, उनकी लेखनी अनवरत चलती रहे। ...... शुभकामनांए .
संजीव तिवारी