आदिकाल से देवी-देवताओं में कई प्रकार के च़ढ़ावे व बलि देने की प्रथा चली आ रही है, बलि में भैंसें, बकरे और मुर्गीयों की बलि के संबंध में सुना होगा। छत्तीसगढ़ के छुरा क्षेत्र में देवी टेंगनाही माता का मंदिर है जो क्षेत्र में प्रसिद्ध है एवं आस्था के अनुसार इसे जागृत मंदिर माना जाता है। इस मंदिर में पारंपरिक बलि के अतिरिक्त देवी को मछली भेंट करने की परंपरा है। इस देवीस्थल पर प्रतिवर्ष चैत्र पूर्णिमा पर जातरा मेला का आयोजन किया जाता है एवं नवरात्रि में मनोकामना ज्योति जलाई जाती है। जहां मन्नत पूरी होने वाले फरियादी दूर-दराज से पहुँचते हैं और माता को प्रतीकात्मक टेंगना मछली चढ़ाते हैं एवं बकरों की बलि देते है।
माना जाता है कि इस क्षेत्र में जब राजा कचना धुरवा का राज्य स्थापित हुआ। तब राजा ने विजय पाने के लिए टेंगनाही माता से मन्नत माँगी। मंदिर के पुजारी पर सवार माता नें तीन सींग की बली देने का वचन राजा से लिया। राजा आशीर्वाद लेकर विजय पथ पर निकल पड़े। कचना धुरवा को आशातीत विजय हासिल हुई, विरोधी परास्त हुए। अब राजा ने तीन सींग वाला बकरा खोजा पर तीन सींग वाला बकरा नहीं मिला। माता को दिये वचन को पूरा करने के लिए राजा नें तीन सींग जैसी आकृति वाली टेंगना मछली की बलि माता को दिया। इसके बाद से ही इस पहा़ड़ी पर स्थित माता जी का नाम भी टेंगनाही के नाम से प्रचलित हुआ। तभी से श्रद्धालु मनोकामना के लिए सोना व चांदी का टेंगना मछली बनवाकर माता को च़ढ़ाते हैं। टेंगनाही के डोंगर पहा़ड़ी में पुरातनकालीन दृश्य, राजा आल्हा उद्दल का किला, डोंगेश्वरनाथ जटाधारी महादेव, दुर्गा मंदिर आदि आकर्षण के केंद्र हैं।
जैसा कि मेरे मित्र ऋषि कान्त तिवारी ने किसी समाचार पत्र की कतरन के हवाले से मुझे बतलाया।
इस आलेख पर श्री पंकज अवधिया जी नें मेल से टिप्पणी करते हुए टेंगना मछली का वीडियो लिंक भेजा है, जो इस पोस्ट के लिए आवश्यक है, पंकज भईया को आभार सहित उनकी टिप्पणी व वीडियो लिंक हम यहॉं लगा रहे हैं -
ज्ञानवर्धन के लिए आभार| अक्सर यहाँ जाना होता है वानस्पतिक सर्वेक्षण के सिलसिले में| टेंगना पर एक यू ट्यूब लिंक दे रहा हूँ| इससे शायद पाठकों को तीन सिंग वाले बकरे के विकल्प का सही अंदाजा होगा| साथ में डोंगर की कुछ तस्वीरों के लिंक भी हैं|
http://www.youtube.com/watch? v=aO9C2u7IjPs
http://www.discoverlife.org/ mp/20p?see=I_PAO10395&res=640
http://www.discoverlife.org/ mp/20p?see=I_PAO10390&res=640
http://www.discoverlife.org/ mp/20p?see=I_PAO10393&res=640
http://www.discoverlife.org/ mp/20p?see=I_PAO10380&res=640
http://www.discoverlife.org/ mp/20p?see=I_PAO10389&res=640
जैसा कि मेरे मित्र ऋषि कान्त तिवारी ने किसी समाचार पत्र की कतरन के हवाले से मुझे बतलाया।
इस आलेख पर श्री पंकज अवधिया जी नें मेल से टिप्पणी करते हुए टेंगना मछली का वीडियो लिंक भेजा है, जो इस पोस्ट के लिए आवश्यक है, पंकज भईया को आभार सहित उनकी टिप्पणी व वीडियो लिंक हम यहॉं लगा रहे हैं -
ज्ञानवर्धन के लिए आभार| अक्सर यहाँ जाना होता है वानस्पतिक सर्वेक्षण के सिलसिले में| टेंगना पर एक यू ट्यूब लिंक दे रहा हूँ| इससे शायद पाठकों को तीन सिंग वाले बकरे के विकल्प का सही अंदाजा होगा| साथ में डोंगर की कुछ तस्वीरों के लिंक भी हैं|
http://www.youtube.com/watch?
http://www.discoverlife.org/
http://www.discoverlife.org/
http://www.discoverlife.org/
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रोचक जानकारी. कचना धुरुवा के साथ टेंगनाही के और भी रोचक संदर्भ स्थानीय लोगों में जरूर प्रचलित होंगे.
जवाब देंहटाएंइसी तरह स्टेशन टेंगनमाड़ा याद आ रहा है, जिसका नाम मूलतः शायद टेंगनामुड़ा रहा होगा.
बहुत ही रोचक जानकारी।
जवाब देंहटाएंहो सके तो टेंगना मछली का चित्र लगाइए !
जवाब देंहटाएंज्ञानवर्धन के लिए आभार| अक्सर यहाँ जाना होता है वानस्पतिक सर्वेक्षण के सिलसिले में| टेंगना पर एक यू ट्यूब लिंक दे रहा हूँ| इससे शायद पाठकों को तीन सिंग वाले बकरे के विकल्प का सही अंदाजा होगा| साथ में डोंगर की कुछ तस्वीरों के लिंक भी हैं|
जवाब देंहटाएंhttp://www.youtube.com/watch?v=aO9C2u7IjPs
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