रवि रतलामी जी के महत्वपूर्ण प्रयोग छत्तीसगढी आपरेटिंग सिस्टम के संबंध में भास्कर में प्रकाशित इस समाचार एवं इसके बाद संजीत त्रिपाठी जी के ब्लाग आवारा बंजारा में इसके प्रकाशन के बाद से छत्तीसगढ के भाषा पर लगाव रखने वाले, गांव व कस्बाई विद्यार्थियों एवं कम्प्यूटर प्रयोक्ताओं में एक खुशी की लहर दौड गई है ।
कुछ समय पूर्व यह समाचार के रूप में हरिभूमि में भी प्रकाशित हुआ था जिसके बाद से जयप्रकाश मानस जी नें इसे अपने ब्लाग पर विस्तृत आलेख के रूप में छत्तीसगढी में बोलेगा कम्प्यूटर के नाम से प्रकाशित किया था ।
यद्यपि उस समय छत्तीसगढी को राज्यभाषा का दर्जा नहीं मिला था किन्तु अभी परिस्थितिया अनुकूल हैं । उस लेख में मानस जी नें राजनैतिक इच्छाशक्ति के संबंध में लिख था जो इस कार्य के लिए सौ फीसदी सही बैठता है । रवि जी का यह भगीरथ प्रयास, संस्कृति मंत्री एवं मुख्य मंत्री की इच्छाशक्ति के द्वारा ही पूर्ण होगा । क्योंकि वित्तीय सहायता यदि शासन के द्वारा कर भी दिया जाता है तो इसे जन जन तक ले जाने एवं उसे लोकप्रिय बनाने में भी शासन का अहम योगदान रहेगा ।
छत्तीसगढ नें कम्प्यूटर शिक्षा एवं सरकारी कामकाजों में कम्प्यूटरीकरण के आधुनिक प्रयोगों को प्रारंभ से ही अंगीकार किया है जिसके कारण ही राजस्व अभिलेखों, न्यायालयीन प्रक्रियाओं, धांन खरीदी आदि का जनसुलभ किया जाना संभव हो पाया है । विडियो कांफ्रेसिंग के जरिये त्वरित समस्या निदान एवं आंखों के सम्मुख दोषी अधिकारियों को डांट खाते देख कर सूचना क्रांति के इस चमत्कार से ग्रामीण जन प्रसन्न हैं ।
कुछ वर्ष पूर्व मुझे आईटीसी द्वारा छत्तीसगढ में कियोक्स खोलने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ था तब मैं इसे कपोल कल्पना कह कर इस पर ध्यान नहीं दिया था आज छत्तीसगढ में इसी ग्रामीण सूचना केन्द्र का विकास होने वाला हैं सभी ग्रामपंचायतों में इंटरनेट से युक्त कम्प्यूटर अगले एक साल में लग जायेंगे पर सरकार यदि इसे घोषणा मान कर पूरा करने में आमादा है तो यह व्यर्थ है क्योंकि गांवों में स्थापित किये जाने वाले इन कम्प्यूटरों में अंग्रेजी आपरेटिंग सिस्टम लगे होने के कारण मुश्किल से दस प्रतिशत ही सहीं सलामत चल पायेंगें ।
पर यदि रवि रतलामी जी का छत्तीसगढी आपरेटिंग सिस्टम को लोड कर के यदि इन कम्प्यूटरों को गांवों में भेजा जायेगा तो जन भाषा व जन सुलभता के कारण सौ प्रतिशत संभावना है कि ये सूचना केन्द्र ग्रामीण जन के काम आयेगें और सरकारी तंत्र को भी सूचनाओं का आदान प्रदान त्वरित हो पायेगा ।
छत्तीसगढ शासन नें आप्रवासी सम्मान वेंकटेश शुक्ला जी को प्रदान किया है वे सिलिकान वैली से हैं एवं कम्प्यूटर के क्षेत्र में ही कार्य कर रहे हैं उनका छत्तीसगढ में बैंगलोर जैसे साफटवेयर उद्योग लाने का प्रयास है एवं सूत्र बताते हैं कि मुख्य मंत्री से इस संबंध में गंभीर वार्तालाभ हो चुका है । यह बात भविष्य के लिए सुखद है कि छत्तीसगढ के सत्ताशीन राजनीतिज्ञों के मन में तकनीकि के विकास के लिए सोंच अभी विद्यमान है । यही सार्थक सोंच छत्तीसगढी आपरेटिंग सिस्टम के स्वप्न को पूरा अवश्य करेगा ।
आप सब को छत्तीसगढ़ी की बढ़ोतरी की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंरोचक समाचार।
जवाब देंहटाएंरवि रतलामीजी को मेरा सलाम और शुभकामनाएं।
G विश्वनाथ, जे पी नगर, बेंगळूरु
यह हुई न कोई बात!!
जवाब देंहटाएंबहुत सही नज़रिए से लिखा है भाई साहब आपने!!
छ्त्तीसगड़ का भविष्य उज्जवल है। परोक्ष रूप से भारत का भविष्य भी। रवि जी के काम का फ़ायदा न सिर्फ़ वहां की ग्रामीण जनता को होगा बल्कि दूसरे राजयों की ग्रामीण जनता को भी होगा।
जवाब देंहटाएंभाई संजीव, छत्तीसगढ़ी के प्रति आपका प्यार वंदनीय है.
जवाब देंहटाएंपर, यह छत्तीसगढ़ी ऑपरेटिंग सिस्टम मेरा नहीं है, बल्कि आम जन का है, और मुक्त व मुफ़्त उपलब्ध तकनॉलाजी का है. हम तो इसमें अपना बहुत ही छोटा, छुद्र सा योगदान दे रहे हैं.
उम्मीद है, आप सभी की शुभकामनाओं से बहुत शीघ्र हमारा यह सपना पूरा होगा. आप सभी का बहुत-2 धन्यवाद.
खबर तो संजीत ने दी दी थी लेकिन यहां पर विस्तार से जानने को मिला.
जवाब देंहटाएंएक बार हिन्दी में काम हो जाने के बाद भाषाई विस्तार मिलना बहुत जरूरी है. अवधी, भोजपुरी, मैथिली, छत्तीसगढ़ी, मगही, मारवाड़ी इन सब भाषाओं में काम शुरू हो जाएगा. लिपी की समस्या हल हो गयी है तो भाषा से बोली में उतरने में समय नहीं लगेगा.
यह ज्यादा तर्कसंगत भी लगता है. हमारा अभ्यास छूट गया है नहीं तो हिन्दी से जुड़ी जितनी बोलियां हैं उन सबमें कोई खास भेद नहीं है. जरा ध्यान से पढ़ें तो सारी बातें समझ में आ जाती है. बोलियों का विस्तार हो......आमीन..
कभी कभी अच्छा लगता है की जबरदस्त काम करने वाले रविजी से किसी न किसी रूप में जूड़े हुए है, चाहे ई-मेल व्यवहार ही क्यों न हो. यह गर्व का विषय है. हमारी ओर से बधाई व शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंलोकभाषा के विकास और जनभागीदारी में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। निश्चय ही इसके लिये रवि रतलामी जी बधाई के पात्र हैं।
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