छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति यतीन्द्र सिंह |
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति यतीन्द्र सिंह जी नें शपथ लेने के साथ ही छत्तीसगढ़ के न्यायिक व्यवस्था में कसावट लाने हेतु सराहनीय पहल आरंभ किए हैं। पहली कड़ी के रूप में उन्होंनें न्यायाधीशों द्वारा अर्जित सम्पत्तियों को पारदर्शी बनाने हेतु जो आदेश दिए हैं उससे न्यायाधीशों पर जनता का विश्वास बढ़ेगा। लंबित मामलों को त्वरित व जल्दी निबटाने के उद्देश्य से शनीवार व अन्य छुट्टियों के दिन भी न्यायालय में सुनवाई जारी रखे जाने के उनके निर्णय से उन लोगों को मदद मिलेगी जिनके प्रकरण बरसों से न्याय के इंतजार में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इसी के साथ उच्च न्यायालय के न्यायानिर्णयों को आनलाईन प्रस्तुत करने का बहुप्रतीक्षित कार्य भी उन्होंनें बहुत जल्द ही प्रारंभ करा दिया, बरसों बंजर सी नजर आती छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की वेबसाईट अब जीवंत हो गई है। पिछले दिनों उच्च न्यायालय बिलासपुर में कुछ मामलों के संबंध में जाना हुआ तो उनके डबल बैंच कोर्ट में भी मामलों पर बहस सुनने को मिला। मुखर न्यायाधीश न्यायमूर्ति यतीन्द्र सिंह जी को सुनना एक जूनियर कौंसिल के लिए अपूर्व अनुभूति है।
इसके साथ ही उनके प्रति मेरा सम्मान और अधिक बढ़ गया जब मैंनें उनके उद्बोधन (छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों व कार्यरत कर्मचारीगणों को दिए गए) को पढ़ा जिसमें उन्होंनें 'जय जोहार' के साथ ही अंतिम लगभग आधा पैरा छत्तीसगढ़ी में दिया था। यह पहला अवसर है जब किसी मुख्य न्यायाधीश नें छत्तीसगढ़ी में उद्बोधन के अंश कहे हों। छत्तीसगढ़ के इतिहास की वह स्वणिम पंक्तियां आप भी देखें 'मोला आसा ही नहीं बरन बिसवास हवय। हमर न्यायालय एक पोट्ठ न्यायालय बनही, अऊ दूसर मन बर आदरस न्यायालय के रूप म उभर के आहीं। आगू आय वाले बेरा, हमन सब्बो बर, हमर उच्च न्यायालय बर, सुभ अऊ मंगलमय हो।'
फोटो श्री प्रेमश्री पिल्लै जी के फ्लिकर से
फोटो श्री प्रेमश्री पिल्लै जी के फ्लिकर से
स्वागत योग्य..
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