नत्था का स्वप्नलोक और मायानगरी : अरुण काठोटे

छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार ओंकारदास मानिकपुरी ने इन दिनों राष्ट्रीय स्तर पर तहलका मचा दिया है। आमिर खान की हालिया रीलीज फिल्म पीपली लाइव में नत्था की भूमिका निभाने वाला यह कलाकार समूचे देश में ही नत्था के नाम से ही मशहूर हो गया। जैसा ओंकारदास का कहना है कि फिल्म का यह चरित्र उनके व्यक्तिगत जीवन से भी मेल खाता है। संभवतया यही बात फिल्म की निर्देशक अनुषा रिजवी ने भी महसूस की होगी, लिहाजा फिल्म में भी उन्होंने नत्था के साथ मानिकपुरी को संलग्न रखा है।
ओंकारदास के रातोरात स्टार बनने की वास्तविकता भी कम रोचक नहीं है। खुद ओंकारदास भी इसे किसी सपने के साकार होने जैसा ही मानते हैं। लेकिन यह इस भोलेभाले अदाकार की सहज अनुभूति है। बहुत कम लोग जानते हैं कि नत्था की स्क्रीनिंग के लिए भोपाल में उपस्थित 90 कलाकारों में उनका चयन हुआ है। लिहाजा इसे सिर्फ किस्मत कहकर दरकिनार नहीं किया जा सकता। यह जरूर कह सकते हैं कि नत्था ने इस सफलता की अपेक्षा नहीं की थी जैसी कि इन दिनों उन्हें बॉलीवुड से लेकर छालीवुड तक नसीब हो रही है। यह ओंकारदास की स्वभावगत सहजता ही है कि वे अब भी अपनी छोटी-छोटी तमन्नाओं की आपूर्ति में ही मस्त हैं। अकस्मात मिली छप्परफाड़ सफलता और पूछ-परख से जमीन से जुड़ा यह कलाकार अभिभूत हो उठा है। वह न तो चांद तारों की आशा रखता है, न ही थिएटर को भूल पाया है। रंगकर्म में अब भी वह स्व. हबीब तनवीर को ही महान मानता है।
जहां तक बात छत्तीसगढ़ी प्रतिभाओं की है, इसमें दो मत नहीं कि सभी सांस्कृतिक विधाओं में यहां दूरदराज प्रतिभाएं फैली पड़ी हैं। चाहे बस्तर का टेराकोटा हो या बेल मेटल शिल्प, या संगीत, रंगकर्म सभी क्षेत्रों में अद्भुत प्रतिभाएं यहां मौजूद हैं। रही बात अवसरों की तो निश्चित रूप से पृथक राज्य बनने के बाद इन्हें कुछ मौके तो मिले हैं। गाहे-बगाहे ऐसा ही मौका ओंकारदास के हाथों लगा और आज वह राष्ट्रीय कीर्ति का अभिनेता बन गया। इसका कुछ श्रेय नया थिएटर को भी देना चाहिए। इसके संस्थापक स्व. हबीब तनवीर ने न केवल तीजनबाई, फिदाबाई, गोंविदराम निर्मलकर, रामचरण निर्मलकर आदि कलाकारों को वैश्विक पटल पर स्थापित किया, वरन इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया। नया थिएटर ही संभवतया एकमात्र ऐसा रंगदल है जिसके तीन-चार कलाकारों को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है। स्मरण रहे कि पंडवानी की मशहूर गायिका तीजनबाई प्रारंभ में नया थिएटर की कलाकार रही हैं। बॉलीवुड में करीब ढ़ाई दशक पूर्व रचना के रंगकर्मी सोमेश अग्रवाल ने कदम रखे थे। वर्तमान में अनेक स्थानीय कलाकार यहां अपनी किस्मत की आजमाइश मुंबई में इन दिनों कर रहे हैं। इनमें जयंत देशमुख ने विगत एक दशक में बतौर आर्ट डायरेक्टर बॉलीवुड में अपनी छाप भी छोड़ी है। अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, सलमान खान जैसे स्टार अभिनेताओं की फिल्मों का वे कला निर्देशन कर रहे हैं। इनमें प्रमुख तौर पर दीवार, नमस्ते लंदन, आंखें, सिंग इज किंग आदि प्रमुख फिल्में हैं। इसके अलावा अनेक धारावाहिकों में भी उन्होंने कला निर्देशन का काम बखूबी संभाला है। 
यहां यह बताना प्रासंगिक होगा कि जयंत ने अपनी यात्रा भोपाल स्थित भारत भवन के रंगमंडल से प्रारंभ की। यहां से मायानगरी में उन्होंने बैंडिट क्वीन के जरिए प्रवेश किया। उनके अलावा संजय बत्रा, शहनवाज खान, शंकर सचदेव भी अभिनय के क्षेत्र में जद्दोजहद कर रहे हैं। रेकॉर्डिंग जैसे तकनीकी क्षेत्र में रायपुर की जगदीशर् घई ने अब अपना खुद का स्टूडियो निर्मित कर लिया है। लेखन के क्षेत्र में राजेंद्र मिश्र के छोटे भाई अशोक मिश्र भी मुंबई का जाना पहचाना नाम है। विनोदशंकर शुक्ल के सुपुत्र अपराजित शुक्ल भी इस समय मुंबई में एनिमेशन फिल्मों में अपना कैरियर बना रहे हैं। जाहिर तौर पर मुंबई में वहीं प्रतिभाएं टिकती हैं जिनमें नयापन करने का जबा होता है। लगभग डेढ़ दशकों से मुंबई में संघर्षरत छत्तीसगढ़ के इन सभी संस्कृतिकर्मियों ने मायानगरी में यह साबित कर दिखाया है कि प्रतिभाएं कहीं से भी पनप सकती हैं। 
इसी कड़ी में अब ओंकारदास मानिकपुरी भी शामिल हो रहे हैं। बेहद सरल स्वभाव के नत्था को थिएटर से ही यह मुकाम हासिल हुआ है। नया थिएटर ने न केवल नत्था बल्कि पीपली के अनेक कलाकारों का दर्शकों से परिचय कराया है। निश्चित रूप से मल्टीस्टारर फिल्मों के बीच इन अंजान चेहरों की विस्फोटक एंट्री ने समूचे फिल्म दिग्गजों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। जैसे ओंकार हैं वैसी ही उनकी तमन्नाएं भी, सीधी-सच्ची। बिना किसी लाग लपेट के वे इनका बखान भी करते हैं। रजतपट पर अपने पहले ही प्रवेश में अनेक सितारों से रूबरू होने वाले नत्था का अपने स्वप्नलोक से निकलकर जब हकीकत में मायानगरी से साक्षात्कार होगा तब उन्हें यहां के यथार्थ से भी दो-चार होना पड़ेगा। जाहिर है संघर्ष के रास्ते अभी खुले हैं, लड़ाई अभी शेष है। इस पथरीली राह पर अनेक अनुभवों से उन्हें गुजरना है। फिलहाल तो वे पीपली की सफलता में मशगूल हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि अब तक की असल जिंदगी में नत्था का चरित्र निभाने वाला यह कलाकार रचनात्मकता के स्तर पर भी आ रहे बदलावों से परिचित होगा और बॉलीवुड में लंबे समय तक अपने अभिनय की उम्दा पारी खेलेगा।
अरूण काठोटे
(लेखक इप्टा (भारतीय जन नाट्य संघ) की रायपुर इकाई के महासचिव हैं)

17 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छा आलेख। इस जानकारी के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. निसंदेह छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है और समय समय पर इसने अपना जोहर दिखाया है !pichlee और इस पोस्ट को पढवाने के लिए आभार !

    रक्षाबंधन की ह्र्दयंगत शुभ कामनाएं !

    समय हो तो अवश्य पढ़ें:
    यानी जब तक जिएंगे यहीं रहेंगे !http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_23.html

    जवाब देंहटाएं
  3. ओंकार दास मानिकपुरी के साथ ही अन्‍य छत्‍तीसगढी कलाकारों के बारे में जानकारी अच्‍छी लगी .. रक्षाबंधन की बधाई और शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  4. रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.
    हिन्दी ही ऐसी भाषा है जिसमें हमारे देश की सभी भाषाओं का समन्वय है।

    जवाब देंहटाएं
  5. जय हो-साहेब बंदगी साहेब
    नत्था हां जीयंत जीयंत अमर होगे।

    श्रावणी पर्व की शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई

    लांस नायक वेदराम!---(कहानी)

    जवाब देंहटाएं
  6. माटी से उपजे रंगकर्म की धूम है इन दिनों :)
    अच्छे आलेख की बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  7. ओंकार की सफलता और प्रतिभा, उनकी किस्‍मत पर हावी रहे, शुभकामनाएं हैं.

    जवाब देंहटाएं
  8. रक्षाबन्धन के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवम् शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  9. रक्षाबन्धन के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवम् शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर रचना...
    रक्षाबंधन पर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाये.....

    जवाब देंहटाएं
  11. सटीक आलेख है. जयंत देशमुख के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ जाएँ

    http://sanjeettripathi.blogspot.com/2008/08/singh-is-king-jayant-deshmukh.html

    जवाब देंहटाएं
  12. कमाल अभिनय किया है ओंकार जी ने. लगता ही नही कि अभिनय कर रहे हैं.
    रक्षाबन्धन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं.

    जवाब देंहटाएं
  13. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  14. श्रावणी पर्व की आपको बहुत -बहुत शुभकामनाएं .

    जवाब देंहटाएं
  15. एक सही कलाकार का सम्मान

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियों का स्वागत है. (टिप्पणियों के प्रकाशित होने में कुछ समय लग सकता है.) -संजीव तिवारी, दुर्ग (छ.ग.)

लेबल

संजीव तिवारी की कलम घसीटी समसामयिक लेख अतिथि कलम जीवन परिचय छत्तीसगढ की सांस्कृतिक विरासत - मेरी नजरों में पुस्तकें-पत्रिकायें छत्तीसगढ़ी शब्द Chhattisgarhi Phrase Chhattisgarhi Word विनोद साव कहानी पंकज अवधिया सुनील कुमार आस्‍था परम्‍परा विश्‍वास अंध विश्‍वास गीत-गजल-कविता Bastar Naxal समसामयिक अश्विनी केशरवानी नाचा परदेशीराम वर्मा विवेकराज सिंह अरूण कुमार निगम व्यंग कोदूराम दलित रामहृदय तिवारी अंर्तकथा कुबेर पंडवानी Chandaini Gonda पीसीलाल यादव भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष Ramchandra Deshmukh गजानन माधव मुक्तिबोध ग्रीन हण्‍ट छत्‍तीसगढ़ी छत्‍तीसगढ़ी फिल्‍म पीपली लाईव बस्‍तर ब्लाग तकनीक Android Chhattisgarhi Gazal ओंकार दास नत्‍था प्रेम साईमन ब्‍लॉगर मिलन रामेश्वर वैष्णव रायपुर साहित्य महोत्सव सरला शर्मा हबीब तनवीर Binayak Sen Dandi Yatra IPTA Love Latter Raypur Sahitya Mahotsav facebook venkatesh shukla अकलतरा अनुवाद अशोक तिवारी आभासी दुनिया आभासी यात्रा वृत्तांत कतरन कनक तिवारी कैलाश वानखेड़े खुमान लाल साव गुरतुर गोठ गूगल रीडर गोपाल मिश्र घनश्याम सिंह गुप्त चिंतलनार छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग छत्तीसगढ़ वंशी छत्‍तीसगढ़ का इतिहास छत्‍तीसगढ़ी उपन्‍यास जयप्रकाश जस गीत दुर्ग जिला हिन्दी साहित्य समिति धरोहर पं. सुन्‍दर लाल शर्मा प्रतिक्रिया प्रमोद ब्रम्‍हभट्ट फाग बिनायक सेन ब्लॉग मीट मानवाधिकार रंगशिल्‍पी रमाकान्‍त श्रीवास्‍तव राजेश सिंह राममनोहर लोहिया विजय वर्तमान विश्वरंजन वीरेन्‍द्र बहादुर सिंह वेंकटेश शुक्ल श्रीलाल शुक्‍ल संतोष झांझी सुशील भोले हिन्‍दी ब्‍लाग से कमाई Adsense Anup Ranjan Pandey Banjare Barle Bastar Band Bastar Painting CP & Berar Chhattisgarh Food Chhattisgarh Rajbhasha Aayog Chhattisgarhi Chhattisgarhi Film Daud Khan Deo Aanand Dev Baloda Dr. Narayan Bhaskar Khare Dr.Sudhir Pathak Dwarika Prasad Mishra Fida Bai Geet Ghar Dwar Google app Govind Ram Nirmalkar Hindi Input Jaiprakash Jhaduram Devangan Justice Yatindra Singh Khem Vaishnav Kondagaon Lal Kitab Latika Vaishnav Mayank verma Nai Kahani Narendra Dev Verma Pandwani Panthi Punaram Nishad R.V. Russell Rajesh Khanna Rajyageet Ravindra Ginnore Ravishankar Shukla Sabal Singh Chouhan Sarguja Sargujiha Boli Sirpur Teejan Bai Telangana Tijan Bai Vedmati Vidya Bhushan Mishra chhattisgarhi upanyas fb feedburner kapalik romancing with life sanskrit ssie अगरिया अजय तिवारी अधबीच अनिल पुसदकर अनुज शर्मा अमरेन्‍द्र नाथ त्रिपाठी अमिताभ अलबेला खत्री अली सैयद अशोक वाजपेयी अशोक सिंघई असम आईसीएस आशा शुक्‍ला ई—स्टाम्प उडि़या साहित्य उपन्‍यास एडसेंस एड्स एयरसेल कंगला मांझी कचना धुरवा कपिलनाथ कश्यप कबीर कार्टून किस्मत बाई देवार कृतिदेव कैलाश बनवासी कोयल गणेश शंकर विद्यार्थी गम्मत गांधीवाद गिरिजेश राव गिरीश पंकज गिरौदपुरी गुलशेर अहमद खॉं ‘शानी’ गोविन्‍द राम निर्मलकर घर द्वार चंदैनी गोंदा छत्‍तीसगढ़ उच्‍च न्‍यायालय छत्‍तीसगढ़ पर्यटन छत्‍तीसगढ़ राज्‍य अलंकरण छत्‍तीसगढ़ी व्‍यंजन जतिन दास जन संस्‍कृति मंच जय गंगान जयंत साहू जया जादवानी जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड जुन्‍नाडीह जे.के.लक्ष्मी सीमेंट जैत खांब टेंगनाही माता टेम्पलेट डिजाइनर ठेठरी-खुरमी ठोस अपशिष्ट् (प्रबंधन और हथालन) उप-विधियॉं डॉ. अतुल कुमार डॉ. इन्‍द्रजीत सिंह डॉ. ए. एल. श्रीवास्तव डॉ. गोरेलाल चंदेल डॉ. निर्मल साहू डॉ. राजेन्‍द्र मिश्र डॉ. विनय कुमार पाठक डॉ. श्रद्धा चंद्राकर डॉ. संजय दानी डॉ. हंसा शुक्ला डॉ.ऋतु दुबे डॉ.पी.आर. कोसरिया डॉ.राजेन्‍द्र प्रसाद डॉ.संजय अलंग तमंचा रायपुरी दंतेवाडा दलित चेतना दाउद खॉंन दारा सिंह दिनकर दीपक शर्मा देसी दारू धनश्‍याम सिंह गुप्‍त नथमल झँवर नया थियेटर नवीन जिंदल नाम निदा फ़ाज़ली नोकिया 5233 पं. माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकार परिकल्‍पना सम्‍मान पवन दीवान पाबला वर्सेस अनूप पूनम प्रशांत भूषण प्रादेशिक सम्मलेन प्रेम दिवस बलौदा बसदेवा बस्‍तर बैंड बहादुर कलारिन बहुमत सम्मान बिलासा ब्लागरों की चिंतन बैठक भरथरी भिलाई स्टील प्लांट भुनेश्वर कश्यप भूमि अर्जन भेंट-मुलाकात मकबूल फिदा हुसैन मधुबाला महाभारत महावीर अग्रवाल महुदा माटी तिहार माननीय श्री न्यायमूर्ति यतीन्द्र सिंह मीरा बाई मेधा पाटकर मोहम्मद हिदायतउल्ला योगेंद्र ठाकुर रघुवीर अग्रवाल 'पथिक' रवि श्रीवास्तव रश्मि सुन्‍दरानी राजकुमार सोनी राजमाता फुलवादेवी राजीव रंजन राजेश खन्ना राम पटवा रामधारी सिंह 'दिनकर’ राय बहादुर डॉ. हीरालाल रेखादेवी जलक्षत्री रेमिंगटन लक्ष्मण प्रसाद दुबे लाईनेक्स लाला जगदलपुरी लेह लोक साहित्‍य वामपंथ विद्याभूषण मिश्र विनोद डोंगरे वीरेन्द्र कुर्रे वीरेन्‍द्र कुमार सोनी वैरियर एल्विन शबरी शरद कोकाश शरद पुर्णिमा शहरोज़ शिरीष डामरे शिव मंदिर शुभदा मिश्र श्यामलाल चतुर्वेदी श्रद्धा थवाईत संजीत त्रिपाठी संजीव ठाकुर संतोष जैन संदीप पांडे संस्कृत संस्‍कृति संस्‍कृति विभाग सतनाम सतीश कुमार चौहान सत्‍येन्‍द्र समाजरत्न पतिराम साव सम्मान सरला दास साक्षात्‍कार सामूहिक ब्‍लॉग साहित्तिक हलचल सुभाष चंद्र बोस सुमित्रा नंदन पंत सूचक सूचना सृजन गाथा स्टाम्प शुल्क स्वच्छ भारत मिशन हंस हनुमंत नायडू हरिठाकुर हरिभूमि हास-परिहास हिन्‍दी टूल हिमांशु कुमार हिमांशु द्विवेदी हेमंत वैष्‍णव है बातों में दम

छत्‍तीसगढ़ की कला, साहित्‍य एवं संस्‍कृति पर संजीव तिवारी एवं अतिथि रचनाकारों के आलेख

लूट का बदला लूट: चंदैनी-गोंदा

  विजय वर्तमान चंदैनी-गोंदा को प्रत्यक्षतः देखने, जानने, समझने और समझा सकने वाले लोग अब गिनती के रह गए हैं। किसी भी विराट कृति में बताने को ...