अफ़शोस कि तू मर गया
गुजरे दिनों की समाचार की तरह
दुख है कि तुझे
जांबाजी से लड़ते हुए
वे देख नहीं पाये
वो देखना भी नहीं चाहते थे
क्योंकि वे नहीं जानते जांबाजी किसे कहते हैं
जंगल वार कालेज की हुनर
कोई काम ना आई
ज्ञान जो काम ना आये
वो किस काम का
मगर दुश्मन बुजदिल हो, कायर हो
तो हर अभिमन्यु ऐसा ही मारा जाता है
उसके लिए कोई अरूंधती रूदाली नहीं पढ़ती
और कोई एलीट कलमा नहीं पढ़ता
मेरे शहीद, मेरे भाई, मेरे मित्र
क्या नाम था तेरा, क्या पहचान था तेरा
मैं नहीं जानता, पर उन पिचहत्तर लाशों में
हर लाश मेरा अपना था.
मेरे अपने वीर सिपाही
तुम्हें मेरा बारंबार नमन
संजीव तिवारी
श्रध्दांजलि का एक फुल मेरी ओर से भी...
जवाब देंहटाएंbahut marmik our arthprn shraddhaanjali.........,
जवाब देंहटाएंnaman veer javano ko
जवाब देंहटाएंहर बार ऐसा ही होता है...फिर नये सिरे से स्यापा...फिर नक्सल उन्मूलन के हुंकारे...कुछ और बयान...धीरे धीरे रोते कलपते परिजनों के सुर डूब जायेंगे टीवी स्क्रीन में दौड़ती भागती सुर्ख़ियों के बीच...क्या पता कभी हमारी खुद की गिनती भी हो ७६...७७ ?
जवाब देंहटाएंसंजीव भाई , वे राजनैतिक पौरुषहीनता और गलत रणनीतिक व्यूह रचना के शिकार हुय॓ हैं ! जमीनी हकीकतों से मुंह मोड़ने से क्या फायदा ? क्या यह कोई आमने सामने का युद्ध है जिसे वीर जवान जीत लेंगे ? मन में बहुत कुछ है पर ...अभी आहत हूं...हर मृत्यु एक गहरा ज़ख्म छोड़ जाती है मेरे अन्दर !
हम लज्जित हैं कि हम जैसों की रक्षा में तुम्हें जान गंवानी पड़ी। शायद कल कोई तुम्हारे हत्यारों के लिए आँसू बहाएगा। शायद परसों फिर वे नीतियाँ बनेंगी जो कुछ और लोगों को उनके गिरोह की ओर धकेल देंगी।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
बेहद शर्मनाक कुकृत्य। आतंकवाद की धारा का यह पागलपन बंद होना चाहिए।
जवाब देंहटाएंहम सब दुखी है पर यह वक्त मुंह तोड़ जवाब देने का और आस्तीन के सांपो को पहचान कर उन्हें मारने का है|
जवाब देंहटाएंजघन्य कृत। किसी भी तरह यह हिंसा बंद होनी चाहिए। पर दुख की बात है इस पर भी पार्टियां एकमत नहीं हो पा रही हैं।
जवाब देंहटाएंवैसे भी जब तक खुद पर ना पड़े दुसरे का धुख समझ नहीं आता।
श्रध्दांजलि,पर कबतक हमसब इस कत्लैआम पर यू ही औपचारिकता निभाते रहेगे लगता है परस्पर विरोधी विचारधारा की सरकारो का खामियाजा बेचारे सुरक्षाबल के जवानो के परिवारो को झेलना पड रहा है,कैन्द की इच्छा नही राज्य में शक्ती नही पोस्टर बाजी में दोनो शेर, पर राज्यसरकार तो विफल ही है,लोकलुभावनी छबि से वोटबैंक तो बनाऐ जा सकते है,पर प्रशासन नही चलाया जा सकता,पुनं शहिदो के परिवारो को नमन
जवाब देंहटाएंसतीश कुमार चौहान , भिलाई
shahido ko sat sat namanl
जवाब देंहटाएंhamri shradhanjli
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
शहीदों को जनदुनिया की तरफ से श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंye besharmi tera aashara kitne dhurt hai ye .............javano ki virta bekar n jane denge
जवाब देंहटाएंइन जाँबाज शहीदों को श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ!
जवाब देंहटाएं...नमन ...नमन ...शहीदों को श्रद्धांजलि!!!
जवाब देंहटाएंबेहद दर्दनाक हादसे में शहीद हुए लोगों को नमन,,,
जवाब देंहटाएंहर शहीद मेरा अपना है.
जवाब देंहटाएंनमन करता हूं उनसबको.
नमन .
जवाब देंहटाएंनमन ..
नमन ...
शहीदों को श्रद्धांजलि....
bhagwan se unki aatma ki shanti ki prarthana karta hun.....om shanti!!
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंShahido ko naman .. bhagavaan se unaki aatma ki shanti ki paarthana ke aalava aur kya kar sakate hai ham ?
जवाब देंहटाएंमेल से प्राप्त टिप्पणी -
जवाब देंहटाएंjab aadivasi marte hai, mnki ourato ka balatkar hota hai tab kyu hamari smavedana mar jati hai? sarkar ne dohari chal chali hai....kyuki javano ka kam hota hai dusmno ko marana nahi ki apne deshvasio ko marna?
shahid javano ko salam magar apradhi sarkar hai nahi ki nakshal vad.
haresh parmar
hareshgujarati@gmail.com
Hareshkumar V. Parmar
RTA in Gujarati,
School Of Humanities(SOH),
Indira Gandhi National Open University,