पिता का नाम : स्व. श्री हरि राम कसार
माता का नाम : स्व. श्रीमती गोमती देवी कसार
पत्नी का नाम : श्रीमती शकुन्तला कसार
मेरी जन्मतिथि : 26-06-1926 वर्तमान उम्र 82 वर्ष
जन्म स्थान : ग्राम : चिचली तहसील गाडरबारा जिला नरसिंहपुर (म.प्र.)
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी) बी.टी. साहित्य रत्न
एम.एड. (मास्टर ऑफ एजुकेशन)
प्राथमिक शिक्षा: मारवाडी प्राथमिक शाला, दुर्ग । मिडिल : म्युनिसिपल मिडिल स्कूल, दुर्ग । मेटिक : शासकीय हाई स्कूल, दुर्ग
हाई स्कूल शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी बी.स. सागर विश्व विद्यालय
एम.ए. एम.एड. – जबलपुर वि.वि. (एम.एड.- माध्यम अंग्रेजी ।
नौकरी: शिक्षा विभाग: प्राचार्य, जिला- शिक्षा अधिकारी एवं सहायक संभागीय शिक्षा अधीक्षक पदों पर कार्य कर प्राचार्य पद से सेवा निवृत्त । सन् 1984
लेखन एवं प्रकाशन: सन् 1945 से कविताऍं लिखना प्रारंभ गद्य एवं पद्य रचनाऍं – जबलपुर के प्रहरी एवं नागपुर के नयाखून में प्रकाशित ।
सन् 1950 – 1960 के बीच अंग्रेजी में लेखन । नागपुर के हितवाद में विपुल लेखन ।
हिन्दी में – रायपुर के समाचार पत्रों तुमसर (महा.) की मानव पत्रिका तथा दुर्ग की जिन्दगी पत्रिका में सभी प्रकार की रचनाऍं प्रकाशित । लेखन निरंतर चलता रहा ।
आत्म कथ्य :- सेवा निवृत के पश्चात 1984 स्थाई रूप से दुर्ग में निवास होने पर देखा कि दुर्ग में साहित्य गतिविधियॉं लगभग शुन्य है । सन् 1984 की तुलसी जयंती शास. उच्त्तर मा. विद्यालय, दुर्ग में मनायी गयी । तीन व्यक्ति ही उपस्थित हुए – स्व. पतिराम साव, प्रो. सुरेश चन्द्र सिंह एवं स्वत: जमुना प्रसाद कसार ।
मैं बहुत दुखी हुआ । ज्ञात हुआ कि श्री गंगा प्रसाद शुक्ल जिला हिन्दी साहित्य समिति के अध्यक्ष हैं । उनसे अनुमति लेकर मैंने दुर्ग जिला हि.सा.स. के बैनर तले कार्यक्रम करके धुम मचा दी । बाद में मुझे समिति का अध्यक्ष बना दिया गया । मैं वैसे तो तीन वर्ष ही अध्यक्ष रहा । पर पुरे नौ वर्ष के कार्यकाल में मैंने नगर पालिका (अब नगर निगम) एवं कलेक्टर (स्टेडियम कमेटी), दुर्ग से अनुदान प्राप्त करने की परंपरा प्रारंभ की जो अभी तक चालू है ।
कसार जी की निम्नलिखित पुस्तकें प्रकाशित हैं । ये सारी पुस्तकें सेवा निवृति के बाद प्रकाशित हुई हैं ।
कविता
1.. जीवन राग (काव्य संग्रह)
2.. छत्तीसगढी कुण्डलियॉं (यह छ.ग. भाषा में लिखित कदाचित कुण्डलियों की प्रथम पुस्तक है ।
कहानियां
1.. सन्नाटे का शोर
2. अंधों के मोहल्ले में दर्पण की दुकान
3. कफन : प्रकाशक – जिला साक्षरता समिति, दुर्ग
4. सरला ने कहा – प्रकाशक नेशनल बुक टृस्ट, इंडिया, ए-5, ग्रीन पार्क, नई दिल्ली;110016 इस पुस्तक की चौथी आवृत्ति प्रकाशित हो चुकी है । इसका मतलब यह है कि 100000 (एक लाख) के लगभग पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं ।
उपन्यास:
अक्षर: यह आंचलिक उपन्यास ग्रामीण महिला जागरण एवं उनके संघर्ष की गाथा है । यह नशा मुक्ति प्रेरणा देने वाला उपन्यास है ।निबंध:
शोध
माता कैकेयी – एक रूपांकन
इतिहास संस्मरण
1. आजादी के सिपाही- प्रथम खण्ड
2. अमर सेनानी
3. शहीद वीरनारायण सिंह
4. पंडित लखनलाल मिश्र
5. पंडित सुंदरलाल शर्मा
6. नरसिंह प्रसाद अग्रवाल – प्रकाशक – अलिन्द पुस्तक सदन, एच- 604, फ्रेंड्स अपार्टमेंट, पटपडगंज, दिल्ली-110092
समीक्षा
1. एक साहित्यिक की डायरी – मुक्तिबोध
2. कथा भारती – कहानी संग्रह (कुल प्रकाशित पुस्तक-18)
3. निबंध संग्रह
1. मध्यप्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, साहित्यकार सम्मान- (राज्य स्तरीय) 1997
2. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी साधना सम्मान (राज्य स्तरीय) सन् 2005
3. नवसाक्षर लेखन सम्मान;1999- राज्य संसाधन केन्द्र, इन्दौर द्वारा ।
4. साक्षरता सम्मान: 2000 सन में राष्ट्रीय साक्षरता संसाधन केन्द्र, नई दिल्ली ।
सम्पादन: अनियत कालीन पत्रिका झाँपी का प्रधान सम्पादक ।
विशेष: 1, साहित्य गुरू स्व.पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी ।
2. प्रतिष्ठित मानस प्रवचनकार ।
3. 82 वर्ष की उम्र में अभी भी लेखन-पठन जारी है । प्रतिदिन लगभग दो घंटे लेखन कार्य ।
पता:
जमुना प्रसाद कसार
वरिष्ठ साहित्कार
सिकोलाभाठा, प्रेम नगर,
दुर्ग- 491001
फोन :
आभार जमुना प्रसाद जी के बारे में विस्तार से जानकारी देने का.
जवाब देंहटाएंप्रणाम आदरणीय के लिए!!
जवाब देंहटाएंHum apne dada sasur se mil to nahi pae magar yaah se jo jankari prapat hui uske lie hum bahut abhari hai
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