साठ के दसक में मशहूर रॉक बैंड बीटल्स के सदस्यों के साथ ही वे कई बडी हस्तियों के आध्यात्मिक गुरू हुए और दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गए । पश्चिम में जब हिप्पी संस्कृति का बोलबाला था, तब महर्षि महेश योगी नें भावातीत ध्यान के जरिये दुनिया भर में अपने लाखों अनुयायी बनाए ।
40 व 50 के दशक में उन्होंने हिमालय में अपने गुरू से ध्यान और योग की शिक्षा लिया, अपने इसी ज्ञान के द्वारा महर्षि महेश योगी नें बेहतर स्वास्थ्य और आध्यात्मिक ज्ञान को बांटना प्रारंभ किया और दुनिया भर के लोग उनसे जुडते चले गए ।
दुनिया में अपने स्वयं के टीवी चैनलों व 150 देशों में लगभग पांच सौ स्कूलों एवं चार महर्षि विश्वविद्यालयों से भारतीय वैदिक परम्परा को दूर दूर तक फैलाने वाले योगी के पावन जन्मस्थली में भी लगभग 200 छात्रावासी बच्चे वैदिक परम्पराओं के अनुसार शिक्षा ग्रहण करते हैं ।
महर्षि महेश योगी के भारतीय वैदिक ज्ञान, भावातीत ध्यान व योग-आध्यात्म को देश के अतिरिक्त विदेशों में भी स्थापित करने के योगदान को भारत सदैव याद रखेगा ।
छत्तीसगढ के इस सपूत को अंतिम नमन ।
११ जनवरी को सेवानिव्रत होने के कुछ दिनो के पश्चात हि महर्षि महेश योगी जी निर्वाण हुये. ईश्वर उनके आत्मा को शान्ती प्रदान करे.
जवाब देंहटाएंमहेश योगी जी को श्रद्धांजली।
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि उन्हें!
जवाब देंहटाएंहमारी श्रधांजलि।
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