हमारे बार में बीएसपी के रिटार्यड ला आफीसर श्री जी.एस.सिंह साहब प्रेक्टिस करते हैं। वे जितने कानून में कुशाग्र हैं उतने ही करेंट अफेयर और इतिहास की जानकारी रखते हैं। कल उन्होंनें सुभाष चंद्र बोस और डॉ.राजेन्द्र प्रसाद के संबंध में बहुत रोचक किस्सा बताया, हालांकि बहुत से लोग इन किस्सों को जानते होंगें किन्तु हम इसे आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। कल हमने सुभाष चंद्र बोस के संबंध में लिखा था आज डॉ.राजेन्द्र प्रसाद जी के संबंध में -
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भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद के एक सहपाठी थे जो डॉ.राजेन्द्र प्रसाद के पढ़ाई में अपने से ज्यादा अंक लाने पर चिढ़ते थे। एक बार परीक्षा के समय उसने सोंचा कि किसी भी तरह डॉ.राजेन्द्र प्रसाद को पेपर दिलाने में लेट कर दिया जाए ताकि यह पूरा प्रश्न हल ना कर पाये और यह मुझसे पिछड़ जाए।
उसने इसके लिए एक तरकीब सोंची, परीक्षा शुरू होनें में कुछ समय ही शेष थे। उसने कुछ जूनियर लड़कियों को बुलाया और एक कठिन प्रश्न देते हुए कहा कि डॉ.राजेन्द्र प्रसाद के पास जाओ और इसका उत्तर पूछो। डॉ.राजेन्द्र प्रसाद पेपर दिलाने परीक्षा केन्द्र में जाने ही वाले थे कि लड़कियां आ गई। उन्होंनें डॉ.राजेन्द्र प्रसाद से वही प्रश्न पूछा, डॉ.राजेन्द्र प्रसाद जल्दी-जल्दी उसका उत्तर लड़कियों को समझाने लगे किन्तु लड़कियों को समझ में आ नहीं रहा था तो वे और समय लेने लगीं। डॉ.राजेन्द्र प्रसाद संकोची स्वभाव के थे उन्होंनें जैसे-तैसे लडकियों को समझाया, तब तक पेपर चालू हुए पौन घंटे हो गए थे।
डॉ.राजेन्द्र प्रसाद परीक्षा केन्द्र में घुसने लगे तो परीक्षक नें कहा कि देरी हो जाने के कारण आपको परीक्षा दिलाने की अनुमति मैं नहीं दे सकता यदि तुम चाहो तो इसके लिए वाईस चांसलर से अनुमति लेकर आवोगे तभी अनुमति दी जायेगी। डॉ.राजेन्द्र प्रसाद दौड़ते हुए वाईस चांसलर के कक्ष में पहुचे और परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए परीक्षा दिलाने हेतु अनुमति की मांग किये। वाईस चांसलर डॉ.राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिभा से परिचित थे, उन्होंनें तत्काल अनुमति दे दी। तब तक परीक्षा आरंभ हुए लगभग सवा घंटे हो गए थे।
डॉ.राजेन्द्र प्रसाद परीक्षा केन्द्र में बैठे, प्रश्नपत्र में दस प्रश्न थे जिसमें से पांच प्रश्नों को हल करना था। डॉ.राजेन्द्र प्रसाद नें दसों प्रश्नों का उत्तर लिखा और उत्तर पुस्तिका में लिख दिया कि परीक्षक किसी भी पांच प्रश्न का उत्तर चांज कर अंक दें देंवें।
जब उत्तर पुस्तिका परीक्षक नें देखी तो आश्चर्यचकित हो गए क्योंकि सभी दसों प्रश्न के उत्तर सौ प्रतिशत सहीं थे। परीक्षक नें लिखा 'इग्जामिनी इज बेटर देन एग्जामनर।'
- संजीव तिवारी
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिभा के किस्से तो बहुत से हैं। लेकिन उनकी सादगी और विनम्रता को नेहरू जी ने उनकी कमजोरी बना दिया था। देश का प्रथम राष्ट्रपति होने के बावजूद नेहरू जी ने उनके साथ बहुत अच्छा बर्ताव नहीं किया। पद छोड़ने के बाद उनका जीवन बहुत अच्छा नहीं बीता। कभी इस पक्ष पर भी तथ्यपरक रिपोर्ट पोस्ट कीजिए।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (19-08-2017) को "चीनी सामान का बहिष्कार" (चर्चा अंक 2701) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'