इस मुहावरे का भावार्थ है शोषण करना या धन हड़पना, शब्दार्थ रूप में भी इस मुहावरे का प्रयोग होता है जिसका अर्थ मार डालने से है (गले को दबाना).
'टोंटा' संस्कृत शब्द 'तुण्ड' से बना है जिसका आशय ग्रसिका, गला या गर्दन है. इसके करीब का एक शब्द है 'टोण्डा' जिसका आशय है बड़ा सा छेद. शायद गले की नली के कारण यह शब्द प्रचलन में आया होगा.
हिन्दी में प्रचलित टोंटी से भी 'टोंटा' का बनना माना जा सकता है.
अब देखें 'मसकना' को जो 'मस' और 'कना' से मिलकर बना है. 'मस' से बने अन्य शब्दों में 'मसक' का प्रयोग होता है यह अरबी 'मश्क' (चमड़े का पानी रखने वाला थैला) से बना है. छत्तीसगढ़ी 'मसक' शब्द दबाने की क्रिया या भाव के लिए प्रयोग में लाया जाता है. इस अनुसार से शब्दशात्रियों का मानना है कि, परिश्रम के लिए अरबी का एक शब्द है 'मशक्कत' हो सकता है कि इसके अपभ्रंश के रूप में छत्तीसगढ़ी में 'मसकना' प्रयुक्त होने लगा हो. इस मसकने का दो अर्थों में प्रयोग होता है एक दबाना दूसरा किसी कार्य के लिए जाना या चले जाना. मुहावरे के रूप में 'मसक देना' का प्रयोग इन दोनों अर्थों के लिए होता है. पहले ही लिखा जा चुका है कि इसका प्रयोग मार डालने या क्षति पहुचाने के लिए भी होता है. हिन्दी में स्वीकार्य 'मसका' फारसी मस्क से बना है जो मक्खन के लिए प्रयुक्त होता रहा है, अपभ्रंश में यह चिकनी चुपड़ी बातें करना, खुशामद का भाव, चापलूसी के लिए हिन्दी और छत्तीसगढ़ी में समान रूप से प्रयोग हो रहा है.
'टोंटा' संस्कृत शब्द 'तुण्ड' से बना है जिसका आशय ग्रसिका, गला या गर्दन है. इसके करीब का एक शब्द है 'टोण्डा' जिसका आशय है बड़ा सा छेद. शायद गले की नली के कारण यह शब्द प्रचलन में आया होगा.
हिन्दी में प्रचलित टोंटी से भी 'टोंटा' का बनना माना जा सकता है.
अब देखें 'मसकना' को जो 'मस' और 'कना' से मिलकर बना है. 'मस' से बने अन्य शब्दों में 'मसक' का प्रयोग होता है यह अरबी 'मश्क' (चमड़े का पानी रखने वाला थैला) से बना है. छत्तीसगढ़ी 'मसक' शब्द दबाने की क्रिया या भाव के लिए प्रयोग में लाया जाता है. इस अनुसार से शब्दशात्रियों का मानना है कि, परिश्रम के लिए अरबी का एक शब्द है 'मशक्कत' हो सकता है कि इसके अपभ्रंश के रूप में छत्तीसगढ़ी में 'मसकना' प्रयुक्त होने लगा हो. इस मसकने का दो अर्थों में प्रयोग होता है एक दबाना दूसरा किसी कार्य के लिए जाना या चले जाना. मुहावरे के रूप में 'मसक देना' का प्रयोग इन दोनों अर्थों के लिए होता है. पहले ही लिखा जा चुका है कि इसका प्रयोग मार डालने या क्षति पहुचाने के लिए भी होता है. हिन्दी में स्वीकार्य 'मसका' फारसी मस्क से बना है जो मक्खन के लिए प्रयुक्त होता रहा है, अपभ्रंश में यह चिकनी चुपड़ी बातें करना, खुशामद का भाव, चापलूसी के लिए हिन्दी और छत्तीसगढ़ी में समान रूप से प्रयोग हो रहा है.
भाई संजीव जी, बढ़िया और उपयोगी श्रृंखला चल रही है, चलने दीजिए.इस सु-कार्य हेतु बधाई.
जवाब देंहटाएंसरकार हा टोंटा ला मसकत है, घेरी बेरी मंहगाई ल बढावत है।
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