विगत दिनों तीसरा खम्बा एवं अनवरत के श्री दिनेशराय द्विवेदी जी का भिलाई एवं रायपुर आगमन हुआ । रायपुर में श्री द्विवेदी जी का सम्मान एवं पत्रकार-ब्लागर्स मिलन का विवरण श्री अनिल पुसदकर जी नें विगत दिनों अपने पोस्ट 'ब्लागर सिर्फ़ ब्लागर ही नही होता बल्कि रिश्तेदार भी होता है' में किया था । छत्तीसगढ में श्री द्विवेदी जी के आगमन से उत्साहित दुर्ग अधिवक्ता संघ एवं उनके द्वारा निकाले जाने वाली बुलेटिन 'अभिभाषक वाणी' के सदस्यों नें उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की सो हम 'अदालत' वाले श्री बी.एस.पाबला जी के घर अधिवक्ता व संपादक 'अभिभाषक वाणी' शकील अहमद सिद्धिकी जी के साथ पहुचे । भेंट-मुलाकात के साथ ही दुर्ग अधिवक्ता संघ एवं उनके द्वारा निकाले जाने वाली बुलेटिन 'अभिभाषक वाणी' के सदस्यों की इच्छा शकील अहमद सिद्धकी जी नें श्री द्विवेदी जी के सम्मुख रखी और समय तय किया गया, हम चर्चा में इस तरह रमें कि समय का ख्याल ही नहीं रहा, श्री दिनेश राय द्विवेदी जी एवं श्री बी.एस.पाबला जी को रायपुर 12.00 बजे श्री अनिल पुसदकर व संजीत त्रिपाठी जी से मिलने जाना था , सो हम न्यायालय की तरफ और श्री द्विवेदी जी रायपुर की तरफ निकल गये ।
दूसरे दिन श्री द्विवेदी जी एवं श्री पाबला जी दुर्ग जिला न्यायालय पहुचे, जहां हम अपने अधिवक्ता मित्रों के साथ उपस्थित थे, श्री द्विवेदी जी नें पहले न्यायालय भवन व पुस्तकालय आदि का भ्रमण किया व न्यायालय, न्यायाधीशों एवं अधिवक्ताओं की संख्या आदि के संबंध चर्चा की । तदुपरांत दुर्ग अधिवक्ता संघ के कार्यालय में उनका पुष्पाहार से स्वागत संघ के पदाधिकारियों एवं प्रदेश अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधियों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं नें किया । 'अदालत' के श्री बी.एस.पाबला का भी पुष्पाहार से स्वागत किया गया । विगत चार माह से संघ के कई अधिवक्ता तीसरा खम्बा के नियमित पाठक थे जिसके कारण ब्लाग पाठक एवं लेखक के बीच की आत्मीयता कार्यक्रम में स्पष्ट परिलक्षित हो रही थी । आयोजित कार्यक्रम में श्री द्विवेदी जी नें अधिवक्ता पेशे में आधुनिक संचार प्रणाली के उपयोग पर अपने विचार रखे एवं अपने अनुभवों को बांटा । अधिवक्ता कल्याण निधि के संबंध में भी महत्वपूर्ण चर्चा की गई ।
संबोधन व विचार विमर्श के पश्च्यात दुर्ग अधिवक्ता संघ के द्वारा कोटा से पघारे अपने अभिभाषक साथी का परम्परानुसार शाल व श्री फल, सम्मान पत्र से सम्मान किया गया एवं सम्मान पत्र का वाचन वरिष्ठ अधिवक्ता व 'अभिभाषक वाणी' के प्रधान संपादक श्री त्रिपाठी जी नें किया ।
जूनियर कौंसिल अपने दोनों सीनियरों को अपने मित्रों द्वारा सम्मानित किये जाने व जूनियर को सीनियर के चरण स्पर्श का अवसर मिलने से अभिभूत रहा ।
कानूनी मसलों के ब्लागों पर विगत दिनों नवभारत टाईम्स द्वारा किये गये टिप्पणी के 'त्रयी'
प्रशंसनीय! अभिभाषकों में मिलने-सम्मान करने की परम्परा बहुत अच्छी बात है। द्विवेदी जी के बारे में यह पढ़ अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंद्विवेदी जी के बारे में यह पढ़ अच्छा लगा।
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जवाब देंहटाएंकिसको बधाई दूँ, सम्मानित होने वाले को..
या सम्मानित करने वालों को ?
मेरी सतत शुभकामनायें उनके लिये प्रतीक्षारत
अन्य सम्मानों के लिये भी है ।
यह तो शुरुआत है ।
दुर्ग बार ने जो सम्मान दिया, वह मेरे लिए तो अनपेक्षित ही था। हाँ जब न्यायालयों में कम्प्यूटर और अंतर्जाल का उपयोग बढ़ रहा है तो वकीलों को भी ई-मित्रता बढ़ानी होगी। इस के लिए वकीलों के संघों को ई-शिक्षण के लिए योजनाएं बनानी होंगी।
जवाब देंहटाएंदुर्ग से लौटने के दूसरे दिन ही फरीदाबाद जाना पड़ा कल ही लौट सका हूँ। अभिभाषक वाणी को कोटा के अभिभाषक संघ से परिचित कराने का काम कल ही हो सकेगा।
दुर्ग बार ने तीसरा खंबा के साथ एक रिश्ता कायम रखते हुए मुझे जो मान दिया उस के लिए व्यक्तिगत रूप से मैं और तीसरा खंबा दोनों बहुत आभार व्यक्त करते हैं।
चौथा कहां है
जवाब देंहटाएंकिसको बधाई दूँ, सम्मानित होने वाले को..
जवाब देंहटाएंया सम्मानित करने वालों को ? डा. अमर कुमार जी की बात मे मै यह भी जोडना चाहूंगा कि दोनों के साथ आप भी बधाई के पात्र है क्यों कि आपके माध्यम से ही मुझे व अन्य पाठको को यह जानने का मौका मिल रहा है । वैसे द्विवेदी जी जैसे महापुरुष को जितना भी सम्मान मिले मेरी नजर मे तो कम ही होगा ।