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लिंक एड गूगल सर्च के विभिन्न खोज परिणामों तक पहुचाता है जहां एक विंडो में एक विषय के कई वेब साईट या पेज की जानकारी दी गई होती है जिसे क्लिक करने पर विज्ञापन प्रदाता के वांछित विषय तक पहुचा जाता है ।
इन दोनों एड के लिए जो महत्वपूर्ण सूत्र है वह है ‘चैनल’ । अपने द्वारा इच्छित विषय के विज्ञापन प्राप्त करने के लिए चैनल का चयन करना पडता है । चैनल के निर्माण के लिए गूगल एड सेंस में विकल्प मौजूद है आप मैनेज चैनल से चैनल मैनेज कर सकते हैं एवं नये प्रभावी चैनल का निर्माण भी कर सकते हैं । चैनल छोटे शव्दों में मूल विषय हो तो ज्यादा अच्छा या फिर छोटे शव्द समूह जैसे आनलाईल पैसा कमायें, पार्ट टाईम जाब का चैनल बना सकते हैं । अभी गूगल के पास हिन्दी के विज्ञापन नहीं के बराबर है इस कारण हमें चैनल अंग्रेजी में ही बनाने पड रहे हैं । हिन्दी में मैनें छत्तीसगढ का चैनल बनाया है पर उससे संबंधित विज्ञापन नहीं होने के कारण छत्तीसगढ शव्द से संबंधित विज्ञापन कम ही आते हैं अत: अपने विवेककानुसार सहीं शव्दों का चैनल निर्माण करें । एक विज्ञापन में गूगल बाबा 5 चैनलों तक चयन विकल्प प्रदान करता है फिर इन्ही चैनलों से संबंधित गूगल में उपलब्ध विज्ञापन आपके ब्लाग पर प्रदर्शित होगा । यहां यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि आप अपने चैनल का चयन अपने ब्लाग से संबंधित विषय का करें तब पाठक को उस विज्ञापन में रूचि जगेगी । दूसरा चयन का आधार सर्च में आपके ब्लाग की विषय वस्तु । इसके लिए सबसे कारगर उपाय है अपने हिट कांउटर से यह पता लगावें कि सर्च इंजन के द्वारा आपके ब्लाग में पाठक किस शव्द को खोजते ज्यादा आते है, वही शव्द आपका अर्निंग चैनल है ।
विज्ञापन लगाने का अपना अपना नजरिया है, आपका विज्ञापन वही देखेगा या क्लिक करेगा जो आपका पाठक है या सर्च के द्वारा आपके ब्लाग तक आता है । आपके पाठक कौन हैं एवं सर्च के द्वारा किस प्रकार के पाठक आपके ब्लाग तक आते हैं इससे आप अपने ब्लाग की विषय सामाग्री तय कर सकते हैं एवं इसी से संबंधित विज्ञापन भी । यह आपको स्वयं समझना पडेगा, आपके आफ्रीका में हिन्दी पाठक हैं और आप आफ्रीका को टारगेट करते हुए आफ्रीकन मेट्रोमोनीयल एड अपने ब्लाग में लगायेंगें तो भी आपका विज्ञापन क्लिक नहीं होगा वहां इंडियन मेट्रोमोनियल एड ही क्लिक होगा ।
क्रमश:
संजीव तिवारी
आप चैनल किस नाम से बनाते हैं इसका विज्ञापन के शब्दों का कोई लेना देना नहीं है।
जवाब देंहटाएंविज्ञापन आपके ब्लॉग या साइट पर दी गयी सामग्री और आपके पाठक भौगोलिक रूप से कहां पर इसे पढ़ रहे हैं इस पर अधिक निर्भर करता है।
चैनल आपके निजी प्रयोग के लिये होते हैं जिनसे आप अपने विज्ञापनों को मैनेज कर सकते हैं।