हम तो दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है दरिया और मानव की अदम्य प्रकृत्ति के संबंध में इन शब्द पंक्तियों को हम गाहे-बगाहे सुनते रहे हैं और देखते रहे हैं कि, आगे बढ़ने की विशाल लक्ष्य को भी दरिया जैसे सहज-सरल रूप में बहते हुए प्राप्त कर लेना कुछ विशेष लोगों की प्रकृति होती है। आगे बढ़ने के साथ-साथ खुद-ब-खुद पथरीले कठिन बाधाओं को रास्ता बनना पड़ता है जिसमें से होकर आगे की पीढ़ी कठिन लक्ष्य को भी सहज पार कर लेती है। यशश्वी पत्रकार और चर्चित साहित्यकार, ब्लॉगर गिरीश पंकज जी एवं हिन्दी ब्लॉग जगत के मार्तण्ड ललित शर्मा जी कुछ ऐसे ही व्यक्तित्व हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर एक गरिमामय कार्यक्रम में अभियान भारतीय तथा चेतना साहित्य एवं कला परिषद, छत्तीसगढ़ द्वारा हमारे इन्हीं दोनों अग्रजों को चेतना साहित्य सम्मान-11 प्रदान किया गया।
प्रथम चेतना साहित्य सम्मान 11 व प्रथम चेतना ब्लॉगर सम्मान 11 से नवाजे गए हमारे दोनों ब्अग्रजों से आप परिचित हैं फिर भी इनके संबंध में दो शब्द मैं लिखना चाहूंगा-
गिरीश पंकज जी विगत पैतीस सालों से साहित्य एवं पत्रकारिता में समान रूप से सक्रिय हैं। वर्तमान में साहित्य अकादेमी, दिल्ली के सदस्य एवं छत्तीसगढ़ राष्ट्र्भाषा प्रचार समिति के प्रांतीय अध्यक्ष हैं। गिरीश जी की बत्तीस पुस्तकें अब तक प्रकाशित हैं जिसमें तीन व्यंग्य-उपन्यास : मिठलबरा की आत्मकथा, माफिया, और पालीवुड की अप्सरा, आठ व्यंग्य संग्रह : ईमानदारों की तलाश, भ्रष्टाचार विकास प्राधिकरण, ट्यूशन शरणम गच्छामि, मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएँ, मूर्ति की एडवांस बुकिंग, हिट होने के फार्मूले, नेता जी बाथरूम में, एवं ''मंत्री को जुकाम'', नवसाक्षरों के लिये चौदह पुस्तकें बच्चो के लिये चार किताबें, एक हास्य चालीसा, दो ग़ज़ल संग्रह हैं। कर्नाटक एवं मध्यप्रदेश में दो शोधार्थी गिरीश पंकज के व्यंग्य-साहित्य पर पीएच.डी. कर रहे है. गिरीश भाई अमरीका, ब्रिटेन, त्रिनिदाद, मारीशस आदि लगभग दस देशो का प्रवास कर चुके हैं एवं निरंतर साहित्य साधना में रत हैं। नवोदित रचनाकारों को प्रोत्साहित कर उनके रचनाकर्म में प्राण फूंकने वाले मृदुभाषी गिरीश भईया सबके प्रिय हैं।

यह सम्मान कैलाशपुरी स्थित छत्तीसगढ़ सदन में चेतना साहित्य एवं कला परिषद् तथा अभियान भारतीय के संयुक्त तत्वाधान में प्रखर स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी पद्मश्री डा महादेव प्रसाद पाण्डेय के हाथों सम्मान पत्र/ शाल एवं श्रीफल देकर प्रदान किया गया। सम्मान समारोह के पश्चात कवि गोष्ठी संपन्न हुई जिसमें प्रदेश के राष्ट्रीय स्तर के कवियों ने अपनी रचनायें पढ़ी। इस गोष्ठी में सर्वश्री गिरीश पंकज, मीर अली मीर, ललित शर्मा, संजय मिश्र 'हबीब' डा अरुणा चौहान, निरुपमा शर्मा, ललित मिश्र संजय शर्मा 'कबीर' आर के बहार, महेश शर्मा, राम मूरत शुक्ल सुनीता शर्मा, सुधीर शर्मा सहित डा महादेव प्रसाद ने कविता पढ़ कर माहौल को बसंत मय बना दिया। अभियान भारतीय के सूत्रधार गौरव शर्मा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से साहित्यकार रामकुमार बेहार, अभियान भारतीय के सक्रिय सदस्य श्री गिरीश दुबे, आतिश साहु, बरसाती लाल, राजकुमार सोनी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संजय मिश्रा ‘हबीब’ और राममूरत शुक्ल ने किया। कार्यक्रम के अंतरगत हुए बसंत गोष्ठी कवि सम्मेलन के आडियो व अन्य चित्रों को हम अगली पोस्ट में प्रस्तुत करेंगें।
गिरीश पंकज जी एवं ब्लॉ. ललित शर्मा जी को इस सम्मान के लिये अशेष शुभकामनायें.
आप दोनों को मेरी ओर से ढेरों बधाईयाँ..
जवाब देंहटाएंप्रिय संजीव, तुमने निर्मल मन के साथ समाचार दिया, इस हेतु आभार...
जवाब देंहटाएंएक दम मिठाई लुटा देने वाली खबर
जवाब देंहटाएंदोनो ब्लागर बन्धुओं को बधाई ..
जवाब देंहटाएंगिरीश पंकज जी एवं ललित शर्मा जी को इस सम्मान के लिए ढेर सारी बधाइयाँ... संजीव जी आपका बहुत-बहुत आभार इनका विस्तृत परिचय और उपलब्धियों के बारे में जानकारी देने के लिए... आडियो व अन्य चित्रों का इंतजार है...
जवाब देंहटाएंगिरीश पंकज जी और भाई ललित शर्मा जी को बहुत बहुत बधाई !
जवाब देंहटाएंshri lalit sharmaaur girisj pankaj ji ko
जवाब देंहटाएंCHETANA SAHITYA SAMMAN KE LIYE HARDIK BADHAI
पोस्ट ने कार्यक्रम में गैरहाजिर रहने के मलाल को कुछ कम कर दिया, जहां ऐसी विभूतियां सम्मानित हो रही हों, वहां पूरी सभा अपना सम्मान महसूस करती है, बधाईयां.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबधाई
जवाब देंहटाएंसम्मानित द्वय को शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबधाईयां।
जवाब देंहटाएंआप दोनों को बहुत बहुत बधाई !!
जवाब देंहटाएंगिरीश पंकज जी और ललित शर्मा जी को खूब सारी बधाईयां!
जवाब देंहटाएंक्या किसी ने फोन नहीं उठाने की कसम दिला दी है :)
जवाब देंहटाएंगिरीश पंकज जी और ललित भाई को ढेरों बधाइयाँ!
जवाब देंहटाएंदोनों ब्लॉगर मित्रों को बहुत बहुत बधाई....
जवाब देंहटाएंजय हिंद,
जवाब देंहटाएंश्री गिरीश पंकज जी एवं श्री ललित शर्मा जी को सम्मानित कर हम स्वयं सम्मानित महसूस कर रहे हैं... "अभियान भारतीय" तथा चेतना साहित्य एवं कला परिषद् आभारी है आप समस्त सम्माननीय आत्मीय जनों का, आप सभी की गरिमामयी उपस्तिथि ने कार्यक्रम को सफल बनाया !!
पंडित जी बहुत सारी बधाइयाँ.
जवाब देंहटाएंबधाई!
जवाब देंहटाएंगिरीश पंकज जी एवं ललित शर्मा जी को इस सम्मान के लिए ढेर सारी बधाइयाँ..
जवाब देंहटाएंआमंत्रित किए जाने के बावजूद कार्यक्रम में शामिल ना हो पाने का अफ़सोस है
जवाब देंहटाएंगिरीश जी और ललित जी को बधाई शुभकामनाएं
बाक़ी बची पार्टी की बात तो वह कभी भी ले लेंगे कोई मनाही थोड़े ही है :-)
पंकज जी और ललित जी को हार्दिक बधाई...
जवाब देंहटाएंबधाई सहित शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंललितजी और गिरिशजी को इस सम्मान के लिए अनेको शुभकामनाए .....आप दोनों का परिचय हम जैसे नए ब्लोगर को देना बहुत ही न्यायसंगत हैं ..धन्यवाद जी !
जवाब देंहटाएंगिरीश पंकज जी और ललित भाई को ढेरों बधाईयाँ
जवाब देंहटाएंसम्मान खुद ही सम्मानित हो गया इन दोनों साहित्य और ब्लॉग के लिए समर्पित व्यक्तित्वों का संपर्क पाकर .....!
जवाब देंहटाएंवाह क्या खूब । । । । । । । ।
जवाब देंहटाएंललित जी आप इस सम्मान के वास्तविक पात्र थे। इसीलिए आपको यह सम्मान मिला। हृदय प्रसन्न हुआ ।
गिरीश पंकज जी और ललित भाई को सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ....
जवाब देंहटाएंगिरीश पंकज जी और ललित शर्मा जी को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संजीव भाई एवं समस्त मित्रो। आपका स्नेह ही मेरे जीवन की अक्षय पूंजी है। यूँ ही स्नेह बनाए रखें।
जवाब देंहटाएंगिरीश पंकज जी और ललित शर्मा जी को चेतना साहित्य सम्मान...बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
बधाई.
जवाब देंहटाएंmain kahan hun
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जवाब देंहटाएंlove sms
पूरा कार्यक्रम जीवंत हो गे संजीव भाई... व्यस्त रेहेव त पढ़ नी पाए रेहेंवं समाचार ल.... फेर मजा आगे दुबारा जी के ओ सुखद क्षण मन ल.... आपके आभार...
जवाब देंहटाएंpriy sanjiv, tumne jo sneh dikhayaa, uske liye ek maheene baad dhanywaad....
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