tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post957802911020235107..comments2024-02-29T08:28:48.349+05:30Comments on आरंभ Aarambha: औकात जो भुलाये न बने36solutionshttp://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-6735593970127728332008-05-29T12:52:00.000+05:302008-05-29T12:52:00.000+05:30भाई दुनिया का निरालापन है यह और निराले लोगों की मु...भाई दुनिया का निरालापन है यह और निराले लोगों की मुलाकात को यादगार भावनात्मक पलों के रंग में कलमबद्ध् कर देना ये आपकी लेखनी की ताकत हैअजय साहूhttps://www.blogger.com/profile/15362507603020494779noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-20439866176221337352008-05-23T20:01:00.000+05:302008-05-23T20:01:00.000+05:30लीक लीक गाडी चले लीकही चले कपुत "लीक छोडकर तीन चले...लीक लीक गाडी चले लीकही चले कपुत "<BR/>लीक छोडकर तीन चले सुरमा शायर सपुतदीपकhttps://www.blogger.com/profile/08603794903246258197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-35500205679111155232008-05-22T21:51:00.000+05:302008-05-22T21:51:00.000+05:30किसी के विषय में अवधारणायें तो बनती बिगड़ती रहती है...किसी के विषय में अवधारणायें तो बनती बिगड़ती रहती हैं. जितनी बार सुनो, मिलो-उतनी बार कुछ और. चलिये, आप के मन उनकी छबि बदली अच्छॆ की तरफ, बहुत अच्छा हुआ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-37001155383563500802008-05-22T20:22:00.000+05:302008-05-22T20:22:00.000+05:30ह्म्म, हर आदमी कई विरोधाभास को अपने साथ लेकर जीता...ह्म्म, हर आदमी कई विरोधाभास को अपने साथ लेकर जीता है, यह इसी बात का एक उदाहरण है।<BR/>पर एक अच्छी बात कि ये सज्जन हकीकत भूलना नही चाहते भले ही सांकेतिक रूप से।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-33063924883751141022008-05-22T19:09:00.000+05:302008-05-22T19:09:00.000+05:30कभी कभी आदमी की कोई छुपाने वाली मजबूरी होती है। जि...कभी कभी आदमी की कोई छुपाने वाली मजबूरी होती है। जिसे छिपाने के लिए वह ऐसे ही आदर्श गढ़ लेता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-74821379019619291892008-05-22T15:52:00.000+05:302008-05-22T15:52:00.000+05:30कभी कभी आदमी को पहचानने में हम भूल कर बैठते है..कभी कभी आदमी को पहचानने में हम भूल कर बैठते है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-66423639994680640192008-05-22T15:19:00.000+05:302008-05-22T15:19:00.000+05:30जो दुनियाँ की परवाह न करे वह पंहुचा हुआ संत! लेकिन...जो दुनियाँ की परवाह न करे वह पंहुचा हुआ संत! लेकिन इन सज्जन के घर लक्ष्मी जी का स्थाई वास है- सो मामला कुछ सरल सा नहीं लगता।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-5492565862882215762008-05-22T15:11:00.000+05:302008-05-22T15:11:00.000+05:30जो दुनियाँ की परवाह न करे वह पंहुचा हुआ संत! लेकिन...जो दुनियाँ की परवाह न करे वह पंहुचा हुआ संत! लेकिन इन सज्जन के घर लक्ष्मी जी का स्थाई वास है- सो मामला कुछ सरल सा नहीं लगता।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com