tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post8584746109695068370..comments2024-02-29T08:28:48.349+05:30Comments on आरंभ Aarambha: लायब्रेरी पर कमीश्नरी हावी : दुर्ग संभायुक्त कार्यालय हिन्दी भवन में36solutionshttp://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-186836102146259742013-08-29T20:12:37.446+05:302013-08-29T20:12:37.446+05:30bane jankari he bhaiya ....hindi au bhavan duno k ...bane jankari he bhaiya ....hindi au bhavan duno k peera he ...<br />वैभव शिव पाण्डेय "क्रांति"https://www.blogger.com/profile/04699236534663022292noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-51879955061469048952013-08-29T20:12:17.933+05:302013-08-29T20:12:17.933+05:30bane jankari he bhaiya ....hindi au bhavan duno k ...bane jankari he bhaiya ....hindi au bhavan duno k peera he ...<br />वैभव शिव पाण्डेय "क्रांति"https://www.blogger.com/profile/04699236534663022292noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-87415559201709101482013-08-25T07:42:45.415+05:302013-08-25T07:42:45.415+05:30सुन्दर प्रस्तुति! हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} ...सुन्दर प्रस्तुति! <a href="http://hindibloggerscaupala.blogspot.com/" rel="nofollow">हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}</a> की पहली चर्चा <a href="http://hindibloggerscaupala.blogspot.com/2013/08/001_25.html" rel="nofollow">हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-001</a> में आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-85542394409688941602013-08-25T07:30:08.234+05:302013-08-25T07:30:08.234+05:30"अँधकार है वहॉं जहॉं आदित्य नहीं है मुर्दा है... "अँधकार है वहॉं जहॉं आदित्य नहीं है मुर्दा है वह देश जहॉं साहित्य नहीं है ।" दुर्ग-भिलाई में कहने को तो बहुत पुस्तकालय है पर हकीक़त यह है कि हम जैसे पढने-लिखने वाले लोग पुस्तक के लिए तरस जाते हैं और इसीलिए कई-कई शोध आलेख अधूरे पडे हुए हैं अधिकतर किताबें खरीदनी पड्ती है क्योंकि दुर्ग भिलाई में ढंग का पुस्तकालय कम ही है एक-दो पुस्तकालय तो ऐसे भी हैं जिनकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि मुझ शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-22677389564212534512013-08-25T07:18:47.236+05:302013-08-25T07:18:47.236+05:30अच्छी सूचना-प्रणाली है !अच्छी सूचना-प्रणाली है !देवदत्त प्रसूनhttps://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-4987292041370540542013-08-24T18:42:11.586+05:302013-08-24T18:42:11.586+05:30पुस्तक पुस्तकालयों में, पुस्तकालय पुस्तक में।पुस्तक पुस्तकालयों में, पुस्तकालय पुस्तक में।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-11970843443486668722013-08-24T14:46:32.097+05:302013-08-24T14:46:32.097+05:30संजीव भैयाजी
आपने आलेख में बिलकुल सही बातें लिखी ह...संजीव भैयाजी<br />आपने आलेख में बिलकुल सही बातें लिखी हैं। मैं कई बार वहां वाचलनालय में गया हूं। हमेशा उस ऐतिहासिक इमारत की दुर्दशा देखकर अफसोस होता था। इस ऐतिहासिक हिंदी भवन को नौकरशाही का अड्डा बनने से बचाने के लिए आप जैसे साहित्यकारों व आम जनता को आगे आना चाहिए। आंदोलन चलाना चाहिए और इसे हमेशा-हमेशा के लिए लाइब्रेरी व साहित्यिक गतिविधियों के लिए आरक्षित करने का अभियान चलाना चाहिए। अच्छा होगा shankar chandrakerhttps://www.blogger.com/profile/09208836301160451575noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-81638322266856252922013-08-24T08:09:41.743+05:302013-08-24T08:09:41.743+05:30राहुल जी ने बिल्कुल सही कहा।
और ऐसा लगता है कि शा...राहुल जी ने बिल्कुल सही कहा।<br /><br />और ऐसा लगता है कि शासन-प्रशासन की निगाह में तो पुस्तकालयों का शायद कुछ भी महत्व नहीं रह गया है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-47227344406414057712013-08-24T07:11:53.973+05:302013-08-24T07:11:53.973+05:30साहित्य और संस्कृति, शासन-प्रशासन के हाशिये का ह...साहित्य और संस्कृति, शासन-प्रशासन के हाशिये का ही विषय है और शायद शोभती भी वहीं है. Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.com