tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post692135858824653099..comments2024-02-29T08:28:48.349+05:30Comments on आरंभ Aarambha: छत्तीसगढी तिहार - पोला और किसानों की पीड़ा36solutionshttp://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-39304011416946461272009-08-23T19:39:04.388+05:302009-08-23T19:39:04.388+05:30सर मुझे आपकी ये साइट बहुत पंसद आई क्योकि इसमें हमे...सर मुझे आपकी ये साइट बहुत पंसद आई क्योकि इसमें हमें अपने छत्तीसगढ़ी संस्कृती सभ्यता को जानने और समझने में बहुत सहायता मिलेगी।Meri jaanuhttps://www.blogger.com/profile/18214897399932644123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-8100560283092505762009-08-22T19:54:47.443+05:302009-08-22T19:54:47.443+05:30अच्छी जानकारी। यहां कल भादौं की तीज हेतु बहुत तैया...अच्छी जानकारी। यहां कल भादौं की तीज हेतु बहुत तैयारी चल रही है। शिवकोटि मन्दिर पर तो फूल-बिल्वपत्र निकाल दोने में सजा रही थी पुजारिनें!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-91740478329135155612009-08-22T02:33:11.867+05:302009-08-22T02:33:11.867+05:30मैने महाराष्ट्र के पोला पर्व पर कुछ जानकारी अपने ब...मैने महाराष्ट्र के पोला पर्व पर कुछ जानकारी अपने ब्लॉग पास पड़ोस sharadakokas.blogspot.com पर दी है और बचपन के उस लकड़ी के बैल का चित्र भी जो मुझे राजनान्दगाँव मे मुझे मेरे दादाजी ने दिया थाशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-75566647492149993132009-08-20T18:19:06.914+05:302009-08-20T18:19:06.914+05:30इस त्योहार की जानकारी हमें नहीं। भारतीय किसान की य...इस त्योहार की जानकारी हमें नहीं। भारतीय किसान की यह विडम्बना रही है कि उसे खुशी कर्ज में मिलती है। अब तो संपूर्ण मध्य वर्ग की यही स्थिति है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-27148129572828837912009-08-20T15:38:16.031+05:302009-08-20T15:38:16.031+05:30Chintaneey.
( Treasurer-S. T. )Chintaneey.<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">( Treasurer-S. </a><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">T. )</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-77952615866297353062009-08-20T09:37:18.796+05:302009-08-20T09:37:18.796+05:30आज के दिन किसान अपने बैलों को सजा कर संध्या के बाद...आज के दिन किसान अपने बैलों को सजा कर संध्या के बाद मशाल के साथ जुलूस निकालते थे, सो अब कहाँ देखने को मिलता है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-59653628159523091572009-08-20T09:30:53.710+05:302009-08-20T09:30:53.710+05:30हां बचपन मे खिलौना बैल दौडाते थे और छुट्टी होने के...हां बचपन मे खिलौना बैल दौडाते थे और छुट्टी होने के कारण भी इस त्योहार का पता सब को होता था।हमारे गांव मे बैलों का पट यानी दौड होती थी जो अब भी होती है मगर उसमे जोश कम और औपचारिकता ज्यादा होती है। और यंहा तो जोगी जी ने पोला की छुट्टी तक़ बंद करवा दी,वैसे भी जब जेब मे हो नगदुल्ल्लाह तभी नाचता है अब्दुल्ला।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.com