tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post6908000683186303599..comments2024-02-29T08:28:48.349+05:30Comments on आरंभ Aarambha: श्रीलंका- विलुप्त हुए चीते36solutionshttp://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-27579328299880816272012-02-19T20:21:42.288+05:302012-02-19T20:21:42.288+05:30जी सर वो तेंदुआ ही है.भारत या कहे तो एशिया में चीत...जी सर वो तेंदुआ ही है.भारत या कहे तो एशिया में चीता १९४८ में ही विलुप्त हो गया था .चीतों का अंतिम रेकोर्ड कोरिया रियासत[chhattishgarh ] से मिलता है जहा के राजा ने अंतिम एशियाई चीतों[कुल- तीन] को एक शिकार अभियान के दौरान १९४८ में मैनपाट के पास मारा था.विवेकराज सिंहhttps://www.blogger.com/profile/15536634754311915828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-29274078088771708862012-02-19T20:15:02.407+05:302012-02-19T20:15:02.407+05:30जी सर वो तेंदुआ ही है.भारत या कहे तो एशिया में चीत...जी सर वो तेंदुआ ही है.भारत या कहे तो एशिया में चीता १९४८ में ही विलुप्त हो गया था .चीतों का अंतिम रेकोर्ड कोरिया रियासत[chhattishgarh ] से मिलता है जहा के राजा ने अंतिम एशियाई चीतों[कुल- तीन] को एक शिकार अभियान के दौरान १९४८ में मैनपाट के पास मारा था.विवेकराज सिंहhttps://www.blogger.com/profile/15536634754311915828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-50395656080567268182012-02-17T20:33:15.160+05:302012-02-17T20:33:15.160+05:30आतंक के अध्याय की एक प्रामाणिक जानकारी ..आभार !
...आतंक के अध्याय की एक प्रामाणिक जानकारी ..आभार !<br />मगर चित्र में चीता नहीं तेंदुआ प्रभाकरन की गोंड में बैठा है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-63255344720421742132012-02-15T23:54:37.101+05:302012-02-15T23:54:37.101+05:30बढिया पोस्ट।बढिया पोस्ट।Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-87148998928246678182012-02-15T16:30:00.691+05:302012-02-15T16:30:00.691+05:30यह लेखक के लिए स्वांत: सुखाय हो सकता है लेकिन पाठक...यह लेखक के लिए स्वांत: सुखाय हो सकता है लेकिन पाठक के लिए तो शोधपूर्ण है। निश्चित ही उम्दा।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-25313035870147171752012-02-15T15:44:06.436+05:302012-02-15T15:44:06.436+05:30गहन शोधपूर्ण आलेख...
सादर बधाई...गहन शोधपूर्ण आलेख...<br />सादर बधाई...S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-8157467969817462482012-02-15T09:19:15.002+05:302012-02-15T09:19:15.002+05:30बहुत ही तथ्यपूर्ण और गहन आलेख, निष्कर्षों से सहमति...बहुत ही तथ्यपूर्ण और गहन आलेख, निष्कर्षों से सहमति है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-74004277971156905642012-02-15T08:56:59.533+05:302012-02-15T08:56:59.533+05:30तटस्थ रूप से लिखा गया शानदार लेख सभी पहलुओं पर प्र...तटस्थ रूप से लिखा गया शानदार लेख सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला है आपने। लिट्टॆ तो खत्म हो गया पर आतंकवाद का जो नया पैमाना उसने स्थापित कर दिया है उसे खत्म होने मे सदियो लग जायेंगे।Arunesh c davehttps://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-41771555300336190272012-02-15T08:43:43.101+05:302012-02-15T08:43:43.101+05:30कोटिशः बधाई.कोटिशः बधाई.ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-90911600546064485142012-02-15T08:09:15.409+05:302012-02-15T08:09:15.409+05:30लगा कि किसी राष्ट्रीय अखबार का संपादकीय पढ़ रहे ह...लगा कि किसी राष्ट्रीय अखबार का संपादकीय पढ़ रहे हों, लेखक और प्रस्तुतकर्ता दोनों के लिए कोटिशः बधाई.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-46688179519450802822012-02-14T22:57:00.687+05:302012-02-14T22:57:00.687+05:30nice post with deep thought.nice post with deep thought.Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-41257743671950267922012-02-14T22:06:27.813+05:302012-02-14T22:06:27.813+05:30स्वान्तः सुखाय लिखना और इतना शोधपूर्ण लिखना ...इस ...स्वान्तः सुखाय लिखना और इतना शोधपूर्ण लिखना ...इस श्रम के लिए साधुवाद के पात्र है यह ...आपकी सोच को सलाम ऐसे लेखकों से परिचय के लिए ....!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.com