tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post4937808316165435950..comments2024-02-29T08:28:48.349+05:30Comments on आरंभ Aarambha: लोक कला के ध्वज वाहक : पद्म श्री गोविन्दराम निर्मलकर (Govindram Nirmalkar, Charandas Chor)36solutionshttp://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-49819616971450770612012-07-18T23:39:47.701+05:302012-07-18T23:39:47.701+05:301500 रुपये में कोई कैसे ज़िन्दा रहेगा । हम लोग गोव...1500 रुपये में कोई कैसे ज़िन्दा रहेगा । हम लोग गोविन्दराम जी के घर जा चुके हैं और उनकी आर्थिक स्थिति को अपनी आँखों से देख चुके हैं ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-71762371420513086352009-03-09T20:21:00.000+05:302009-03-09T20:21:00.000+05:30मेरे सबसे अजीज दोस्त तिवारी भैया को होली की हार...मेरे सबसे अजीज दोस्त तिवारी भैया को होली की हार्दिक शुभकामनायेcg4bhadas.comhttps://www.blogger.com/profile/05378309810586206200noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-89334983449229257702009-03-04T13:19:00.000+05:302009-03-04T13:19:00.000+05:30संजीव भाई, लोककलाकारों की दुर्दशा वाकई चिंतनीय है,...संजीव भाई, लोककलाकारों की दुर्दशा वाकई चिंतनीय है, दुनिया भर में अपनी माटी की महक बिखेरने वाले इन कलाकारों की अपनी जिंदगी बेनूर रह जाती है,तालियों के सहारे पेट नहीं भरता और उनके उत्कर्ष काल में पैसे कमाने के जो अवसर मिलते हैं 'साहब'लोग उनका लाभ नहीं उठाने देते, नामी गिरामी लोगों के दलों में इनकी हालत बंधुआ मजदूरों की तरह होती है, वैसे नया थियेटर का वो पुराना तेवर नहीं रहा जो कभी गोविंद निर्मलकर,अजय साहूhttps://www.blogger.com/profile/15362507603020494779noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-19216493803852596772009-03-04T13:03:00.000+05:302009-03-04T13:03:00.000+05:30गोविन्दराम जी के सम्मान में अनेक देशज प्रतभाओं का ...गोविन्दराम जी के सम्मान में अनेक देशज प्रतभाओं का सम्मान माना जाये।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-58739343665057965252009-03-03T22:13:00.000+05:302009-03-03T22:13:00.000+05:30इस स्तर के लोक कलाकार को 1500 रुपया पेंशन? मुझे लग...इस स्तर के लोक कलाकार को 1500 रुपया पेंशन? मुझे लगता है कि कला का अपमान किया जा रहा है। इस को दस गुना होना चाहिए।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com