tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post3870517772856826947..comments2024-02-29T08:28:48.349+05:30Comments on आरंभ Aarambha: रौशनी में आदिम जिन्दगी : भाग 4 (कहानी : संजीव तिवारी)36solutionshttp://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-43867873399716107012010-09-04T23:47:44.619+05:302010-09-04T23:47:44.619+05:30सबसे पहले तो हतप्रभ हूँ . यह देखकर की कहानी का अं...सबसे पहले तो हतप्रभ हूँ . यह देखकर की कहानी का अंत कितना स्पर्शी, ह्रदय को छूने वाला है लेकिन , छत्तीसगढ़ भाजपा के ही एक नेता ( पता नहीं उन्होंने इस कहानी को पढ़ा भी या नहीं, कमेंट्स देखकर तो यही लग रहा है) ने पोस्ट पर कुछ लिखने की बजाय जन्मास्टमी की बधाई बस देना ज्यादा बेहतर समझा. तो यह हाल है छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का इस संवेदनशील मुद्दे पर. <br />सब लगे हुए हैं बस निगम Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-61654905112869601192010-09-02T22:24:08.713+05:302010-09-02T22:24:08.713+05:30कहानी है पर असलियत बयां कर रही है। आदिवासी दो पाटो...कहानी है पर असलियत बयां कर रही है। आदिवासी दो पाटों के बीच पिस रहे हैं।Atul Sharmahttps://www.blogger.com/profile/16469390879853303711noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-76991392576297904082010-09-01T12:19:08.279+05:302010-09-01T12:19:08.279+05:30श्रीकृष्णजन्माष्टमी की बधाई .
जय श्री कृष्णश्रीकृष्णजन्माष्टमी की बधाई .<br />जय श्री कृष्णकौशल तिवारी 'मयूख'https://www.blogger.com/profile/16054312635296626390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-45990044170378088682010-09-01T11:31:23.330+05:302010-09-01T11:31:23.330+05:30अच्छी प्रस्तुति,
कृपया अपने बहुमूल्य सुझावों और टि...अच्छी प्रस्तुति,<br />कृपया अपने बहुमूल्य सुझावों और टिप्पणियों से हमारा मार्गदर्शन करें:-<br /><a href="http://akelakalam.blogspot.com/2010/08/blog-post_31.html" rel="nofollow">अकेला या अकेली</a>SATYAhttps://www.blogger.com/profile/17480899272176053407noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-19475259175268248342010-09-01T07:50:17.726+05:302010-09-01T07:50:17.726+05:30प्रेम और अप्रेम के बीच झूलती कविता सी कथा ! राजनैत...प्रेम और अप्रेम के बीच झूलती कविता सी कथा ! राजनैतिक यथार्थ को बूझने की कोशिश करती हुई ! दुरभिसंधियों के मुखौटे नोचने के यत्न में गहरे घाव छोड़ जाती है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.com