tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post1078002627732151860..comments2024-02-29T08:28:48.349+05:30Comments on आरंभ Aarambha: छत्तीसगढ़ी महागाथा : तुँहर जाए ले गिंयॉं 36solutionshttp://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-25300404524181475472013-06-09T18:45:19.138+05:302013-06-09T18:45:19.138+05:30कामेश्वर पांडेय की ओर से बहुत बहुत धन्यवाद. आप नीच...कामेश्वर पांडेय की ओर से बहुत बहुत धन्यवाद. आप नीचे दिए गए पते से पुस्तक प्राप्त कर सकते हैं -<br />B/134, आदर्श नगर, कुसमुंडा, कोरबा 495454<br />फोन नं - +91-8959193470Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03020655800527711055noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-76257493743887283052013-06-05T08:33:14.674+05:302013-06-05T08:33:14.674+05:30तुंहर जाये ले गिया उपन्यास के लेखक कामेश्वर पाण्डे...तुंहर जाये ले गिया उपन्यास के लेखक कामेश्वर पाण्डेय जी के रचना धर्मिता सहित समीक्षा के लिए बधाई मौका मिला तो आनंद लेंगे Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-54790874211190690922013-06-04T18:00:46.628+05:302013-06-04T18:00:46.628+05:30निश्चित ही यह सुन्दर कदम है .अपनी भाषा अथवा बोली म...निश्चित ही यह सुन्दर कदम है .अपनी भाषा अथवा बोली में लिखी कोई बात ज्यादा से ज्यादा आम लोग पढ़ते हैं और वह अपने दिल के बहुत करीब पहुँचने में सक्षम होती हैं ..<br />कामेश्वर पाण्डेय को पुस्तक प्रकाशन हेतु शुभकामनायें कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-33074473276199706932013-06-04T10:22:43.354+05:302013-06-04T10:22:43.354+05:30सबसे पहले तो कामेश्व्रर पान्डेय को उनके उपन्यास &q...सबसे पहले तो कामेश्व्रर पान्डेय को उनके उपन्यास " तुंहर जाए ले गीयॉं " के लिए बहुत-बहुत <br />बधाई, उसके पश्चात संजीव तिवारी को बहुत-बहुत बधाई, जिन्होंने इतनी सुन्दर समीक्षा लिखी है कि <br />इस समीक्षा को पढ कर उपन्यास को पढने जैसा सुख मिल रहा है । सुन्दर शब्द संयोजन , प्राञ्जल-<br />प्रवाहपूर्ण - मनोरम प्रस्तुति ! गॉंव की हर छोटी-बडी समस्या से , समीक्षक भली-भॉति परिचित है । <br /> शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-84392136302460833762013-06-01T21:11:48.764+05:302013-06-01T21:11:48.764+05:30पढ़कर प्रसन्नता हुई उपन्यास कहाँ से और कैसे उपलब्...पढ़कर प्रसन्नता हुई उपन्यास कहाँ से और कैसे उपलब्ध हो सकता है कृपया जानकारी दें राजेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02628010904084953893noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4449669799777792210.post-25785072042797253372013-06-01T19:33:33.967+05:302013-06-01T19:33:33.967+05:30एक कहानी के माध्यम से समाज के न जाने कितने पक्ष दृ...एक कहानी के माध्यम से समाज के न जाने कितने पक्ष दृष्टिगोचर हो जाते हैं। सुन्दर समीक्षा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com