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छत्‍तीसगढ़ की कला, साहित्‍य एवं संस्‍कृति पर संजीव तिवारी एवं अतिथि रचनाकारों के आलेख

लूट का बदला लूट: चंदैनी-गोंदा

  विजय वर्तमान चंदैनी-गोंदा को प्रत्यक्षतः देखने, जानने, समझने और समझा सकने वाले लोग अब गिनती के रह गए हैं। किसी भी विराट कृति में बताने को बहुत कुछ होता है । अब हमीं कुछ लोग हैं जो थोड़ा-बहुत बता सकते हैं । यह लेख उसी ज़िम्मेदारी के तहत उपजा है...... 07 नवम्बर 1971 को बघेरा में चंदैनी-गोंदा का प्रथम प्रदर्शन हुआ। उसके बाद से आजपर्यंत छ. ग. ( तत्कालीन अविभाजित म. प्र. ) के लगभग सभी समादृत विद्वानों, साहित्यकारों, पत्रकारों, समीक्षकों, रंगकर्मियों, समाजसेवियों, स्वप्नदर्शियों, सुधी राजनेताओं आदि-आदि सभी ने चंदैनी-गोंदा के विराट स्वरूप, क्रांतिकारी लक्ष्य, अखण्ड मनभावन लोकरंजन के साथ लोकजागरण और लोकशिक्षण का उद्देश्यपूर्ण मिशन, विस्मयकारी कल्पना और उसका सफल मंचीय प्रयोग आदि-आदि पर बदस्तूर लिखा। किसी ने कम लिखा, किसी ने ज़्यादा लिखा, किसी ने ख़ूब ज़्यादा लिखा, किसी ने बार-बार लिखा। तब के स्वनामधन्य वरिष्ठतम साहित्यकारों से लेकर अब के विनोद साव तक सैकड़ों साहित्यकारों की कलम बेहद संलग्नता के साथ चली है। आज भी लिखा जाना जारी है। कुछ ग़ैर-छत्तीसगढ़ी लेखक जैसे परितोष चक्रवर्ती, डॉ हनुमंत नायडू जैसों

छत्तीसगढ़ी उपन्यासों की सूची


1. हीरू के कहिनी 1926 पाण्डेय बंशीधर शर्मा
2. दियना के अंजोर 1964 शिवशंकर शुक्ल
3. मोंगरा 1964 शिवशंकर शुक्ल
4. चंदा अमरित बरसाइस 1965 लखन लाल गुप्त
5. फुटहा करम 1971 ठाकुर हृदय सिंह चौहान
6. कुल के मरजाद 1980 केयूर भूषण
7. छेरछेरा 1983 पं. कृष्ण कुमार शर्मा
8. उढरिया 1999 डॉ. जे.आर. सोनी


9. कहाँ बिलागे मोर धान के कटोरा 2000 केयूर भूषण
10. दिन बहुरिस 2001 अशोक सिंह ठाकुर
11. आवा 2002 डॉ. परदेशी राम वर्मा
12. लोक लाज 2002 केयूर भूषण
13. कका के घर 2003 रामनाथ साहू
14. चन्द्रकला 2005 डॉ. जे.आर.सोनी
15. भाग जबर करनी मा दिखाये 2005 संतोष कुमार चौबे
16. माटी के मितान 2006 सरला शर्मा
17. बनके चंदैनी 2007 सुधा वर्मा
18. भुइयॉं 2009 रामनाथ साहू
19. समे के बलिहारी 2009 से 2012 केयूर भूषण
20. मोर गाँव 2010 जनार्दन पाण्डेय
21. रजनीगंधा 2010 डॉ. बलदाऊ प्रसाद पाण्डेय पावन
22. विक्रम कोट के तिलिस्म 2010 डॉ. बलदाऊ प्रसाद पाण्डेय पावन
23. तुंहर जाए ले गियाँ 2012 कामेश्वर पाण्डेय
24. जुराव 2014 कामेश्वर पाण्डेय
25. करौंदा 2015 परमानंद वर्मा राम
26. पुरखा के भुइयॉं 2014 डॉ.मणी महेश्‍वर 'ध्‍येय'
27. डिंगई 2015 लोक बाबू
28. केरवंछ 2013 मुकुन्द कौशल
29. पठौनी अप्रकाशित ठाकुर बलदेव सिंह चौहान
30. हाथ भर चूरी अप्रकाशित ठाकुर बलदेव सिंह चौहान
31. बीता भर पेट अप्रकाशित ठाकुर बलदेव सिंह चौहान
32. सुहागी अप्रकाशित शिव शंकर शुक्ल
33. परबतिया अप्रकाशित हेमनाथ यदु
34. चंदा चंदैनी अप्रकाशित हेमनाथ यदु
35. मानवता के कछेरी मा अप्रकाशित ठाकुर बलदेव सिंह चौहान
36. केंवट-कुन्दरा अप्रकाशित दुर्गा प्रसाद पारकर
37. कुल के अंजोर अप्रकाशित अशोक सेमसन
38. इन्दरावती के बेटी अप्रकाशित सुधा वर्मा
39. बनपांखी अप्रकाशित शकुन्तला तरार

  उपर लिखे उपन्‍यासों में आठ उपन्‍यास आनलाईन उपलब्‍ध है हैं जिन्‍हें उपन्‍यास के नाम को क्लिक करके पढ़ा जा सकता है। छत्‍तीसगढ़ी के कुछ उपन्‍यासों पर मेरे विचार आप गुरतुर गोठ में यहॉं भी पढ़ सकते हैं। इसके अतिरिक्‍त किसी और छत्‍तीसगढ़ी उपन्‍यास की जानकारी आपको हो तो कृपया बतावें.
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