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नवंबर, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

छत्‍तीसगढ़ की कला, साहित्‍य एवं संस्‍कृति पर संजीव तिवारी एवं अतिथि रचनाकारों के आलेख

लूट का बदला लूट: चंदैनी-गोंदा

  विजय वर्तमान चंदैनी-गोंदा को प्रत्यक्षतः देखने, जानने, समझने और समझा सकने वाले लोग अब गिनती के रह गए हैं। किसी भी विराट कृति में बताने को बहुत कुछ होता है । अब हमीं कुछ लोग हैं जो थोड़ा-बहुत बता सकते हैं । यह लेख उसी ज़िम्मेदारी के तहत उपजा है...... 07 नवम्बर 1971 को बघेरा में चंदैनी-गोंदा का प्रथम प्रदर्शन हुआ। उसके बाद से आजपर्यंत छ. ग. ( तत्कालीन अविभाजित म. प्र. ) के लगभग सभी समादृत विद्वानों, साहित्यकारों, पत्रकारों, समीक्षकों, रंगकर्मियों, समाजसेवियों, स्वप्नदर्शियों, सुधी राजनेताओं आदि-आदि सभी ने चंदैनी-गोंदा के विराट स्वरूप, क्रांतिकारी लक्ष्य, अखण्ड मनभावन लोकरंजन के साथ लोकजागरण और लोकशिक्षण का उद्देश्यपूर्ण मिशन, विस्मयकारी कल्पना और उसका सफल मंचीय प्रयोग आदि-आदि पर बदस्तूर लिखा। किसी ने कम लिखा, किसी ने ज़्यादा लिखा, किसी ने ख़ूब ज़्यादा लिखा, किसी ने बार-बार लिखा। तब के स्वनामधन्य वरिष्ठतम साहित्यकारों से लेकर अब के विनोद साव तक सैकड़ों साहित्यकारों की कलम बेहद संलग्नता के साथ चली है। आज भी लिखा जाना जारी है। कुछ ग़ैर-छत्तीसगढ़ी लेखक जैसे परितोष चक्रवर्ती, डॉ हनुमंत नायडू जैसों

विनोद साव की कृति ‘मेनलैंड का आदमी’ का विमोचन

छत्तीसगढ़ प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मलेन, रायपुर द्वारा विगत १८ अक्टूबर को ‘मायाराम सुरजन स्मृति लोकायन’ में प्रादेशिक सम्मलेन का आयोजन किया गया जिसमें ‘वर्तमान समय और साहित्यकार का दायित्व’ विषय पर विचार गोष्ठी रखी गयी. इस अवसर पर चर्चित लेखक विनोद साव के साहित्य भंडार, इलाहाबाद से प्रकाशित यात्रा-वृत्तांत ‘मेनलैंड का आदमी’ का विमोचन प्रसिद्द व्यंग्यकार प्रभाकर चौबे व सम्मलेन के अध्यक्ष ललित सुरजन ने किया. कार्यक्रम का संचालन महामंत्री रवि श्रीवास्तव ने किया. विमोचित कृति पर मुख्य वक्तव्य देते हुए प्रसिद्द आलोचक डॉ. गोरेलाल चंदेल ने कहा कि ‘ विनोद साव के यात्रा संस्मरण की भाषा यात्रा की नीरसता, उबाऊपन और बेजान विवरण को सरस और जीवंत बना देती है और पाठक को भी पूरी आत्मीयता से जोड़ देती है. विनोद के विचार कहीं भी वैचारिक जड़ता के शिकार नहीं होते वरन वे स्थानीयता के हिस्से बन जाते हैं. भाषा में ऐसा प्रवाह है कि पाठक भी उसमें डुबकी लगाते हुए बहने लगते हैं’  इस अवसर पर प्रदेश भर से उपस्थित साहित्यकारों के बीच विनोद शंकर शुक्ल, तेजेंदर, जीवन यदु, तुहिन देव, उर्मिला शुक्ल, विद्या गुप्त , संतो

मजदूर आन्दोलनों के शहर में

-     विनोद साव भिलाई के इस फीडिंग सेंटर में आना जाना अक्सर होता रहा है. भिलाई इस्पात संयंत्र लोहे का कारखाना है और यह शहर इसे कच्चे लोहे की आपूर्ति करता रहा है. इसका असली नाम है झरनदल्ली – यहाँ की पहाड़ियों से लोहा झरता रहा है, बैल की पीठ जैसी आकार वाली यहाँ की पहाड़ियों से इसलिए यह खदान क्षेत्र झरन दल्ली कहलाया. अब इसे राजहरा कहा जाता है पर इस शहर का रेलवे स्टेशन इसे इसके मूल नाम की तरह राझरा (झरन जैसा) लिखता है. भारतीय रेलवे की यह विशेषता है कि वह किसी भी क्षेत्र की स्थानीयता को महत्व देता है और उनके वास्तविक नाम से ही रेलवे स्टेशनों का नामकरण करता है. इसलिए भी किसी स्थान के सही नाम की प्रमाणिकता के लिए रेलवे स्टेशन में लगी तख्ती को भी देखा जाता है. छत्तीसगढ़ के जन-मानस की तरह यहाँ के रेल्वे स्टेशन बड़े साफ-सुथरे और सुंदर होते हैं. यहाँ गांव-कस्बों में बने स्टेशनों में कोई बदबू नहीं होती. आदमी कहीं भी फ़ैल-पसर के बैठ सकता है लेट सकता है और अपने टिफ़िन खा सकता है. वरना दूसरे हिंदी भाषी राज्यों के स्टेशन तो बाप रे बाप. अगर हमारे स्टेशन और अस्पताल अच्छे हों तो वहां भी लोगों में सामुद

छत्‍तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर राज्‍य अलंकरण

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश सरकार द्वारा आज यहां बूढ़ातालाब (विवेकानंद सरोवर) के सामने इंडोर स्टेडियम में आयोजित अलंकरण समारोह में छत्तीसगढ़ के महान विभूतियों को राज्यपाल श्री बलरामजी दास टण्डन, केन्द्रीय वित्त और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अरूण जेटली, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनके मंत्रीमण्डल के सदस्यों ने सम्मानित किया। समारोह में सार्वजनिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए प्रदेश के विशिष्ट व्यक्तियों और संस्थाओं को राज्य अलंकरणों और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। कृषि क्षेत्र में डॉ. खूबचंद बघेल सम्मान - श्री गजानन्द पटेल महासमुन्द और श्री राम प्रकाश केशरवानी, जांजगीर-चांपा को संयुक्त रूप से दिया गया। महिला उत्थान के लिए मिनी माता सम्मान - कुमारी उर्मिला सोनवानी गरियाबंद, संकल्प सांस्कृतिक समिति रायपुर को संयुक्त रूप से, खेल के क्षेत्र में सराहनीय और उत्कृष्ट योगदान के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ओर से गुण्डाधूर सम्मान - श्री बीनू व्ही, भिलाई, श्री फिरोज अहमद खान, भिलाई नगर को संयुक्त रूप से दिया गया। तीरंदाजी के क