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अप्रैल, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

छत्‍तीसगढ़ की कला, साहित्‍य एवं संस्‍कृति पर संजीव तिवारी एवं अतिथि रचनाकारों के आलेख

लूट का बदला लूट: चंदैनी-गोंदा

  विजय वर्तमान चंदैनी-गोंदा को प्रत्यक्षतः देखने, जानने, समझने और समझा सकने वाले लोग अब गिनती के रह गए हैं। किसी भी विराट कृति में बताने को बहुत कुछ होता है । अब हमीं कुछ लोग हैं जो थोड़ा-बहुत बता सकते हैं । यह लेख उसी ज़िम्मेदारी के तहत उपजा है...... 07 नवम्बर 1971 को बघेरा में चंदैनी-गोंदा का प्रथम प्रदर्शन हुआ। उसके बाद से आजपर्यंत छ. ग. ( तत्कालीन अविभाजित म. प्र. ) के लगभग सभी समादृत विद्वानों, साहित्यकारों, पत्रकारों, समीक्षकों, रंगकर्मियों, समाजसेवियों, स्वप्नदर्शियों, सुधी राजनेताओं आदि-आदि सभी ने चंदैनी-गोंदा के विराट स्वरूप, क्रांतिकारी लक्ष्य, अखण्ड मनभावन लोकरंजन के साथ लोकजागरण और लोकशिक्षण का उद्देश्यपूर्ण मिशन, विस्मयकारी कल्पना और उसका सफल मंचीय प्रयोग आदि-आदि पर बदस्तूर लिखा। किसी ने कम लिखा, किसी ने ज़्यादा लिखा, किसी ने ख़ूब ज़्यादा लिखा, किसी ने बार-बार लिखा। तब के स्वनामधन्य वरिष्ठतम साहित्यकारों से लेकर अब के विनोद साव तक सैकड़ों साहित्यकारों की कलम बेहद संलग्नता के साथ चली है। आज भी लिखा जाना जारी है। कुछ ग़ैर-छत्तीसगढ़ी लेखक जैसे परितोष चक्रवर्ती, डॉ हनुमंत नायडू जैसों

धूप की नदी: कील कॉंटे और कमन्द

वरिष्ठ साहित्यकार, कथाकार, कवि, पत्रकार सतीश जायसवाल जी का हालिया प्रकाशित यात्रा संस्मरण ‘कील कॉंटे कमन्द’ की चर्चा चारो ओर बिखरी हुई है। मैं बहुत दिनों से इस जुगत में था कि अगली बिलासपुर यात्रा में श्री पुस्तक माल से इसकी एक प्रति खरीदूं किन्तु उच्च न्यायालय के शहर से पहले स्थापित हो जाने के कारण, प्रत्येक दौरे में शहर जाना हो ही नहीं पा रहा था और किताब पढ़ने की छटपटाहट बढ़ते जा रही थी। इसी बीच कथा के लिए दिए जाने वाले प्रसिद्ध वनवाली कथा सम्मान से भी सतीश जायसवाल जी नवाजे गए। दो-दो बधाईयॉं ड्यू थी, और हम सोंच रहे थे कि अबकी बार बधाई वर्चुवल नहीं देंगें, उन्हें भिलाई बुलाते हैं और भिलाई साहित्य बिरादरी के साथ उन्हें बधाई देते हैं। जब वे बख्शी सृजन पीठ के अध्यक्ष थे तो भिलाई उनका निवास था इस कारण उनका लगाव भिलाई से आज तक बना हुआ है। शायद इसी जुड़ाव के कारण उन्होंनें हमारा अनुरोध स्वीकार किया। वो आए और भिलाई साहित्य बिरादरी के साथ एक सुन्दर आत्मीय मिलन का कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम की चर्चा फिर कभी, इस कार्यक्रम से ‘कील कॉंटे कमन्द’ में आवरण चित्रांकन करने वाली डॉ.सुनीता वर्मा जल्दी चली

विनोद साव के कथा संग्रह ’तालाबों ने उन्हें हंसना सिखाया’ पर चर्चा गोष्ठी संपन्न

लिटररी क्लब, भिलाई के तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार विनोद साव के नव प्रकाशित कथा संग्रह ’तालाबों ने उन्हें हंसना सिखाया’ पर चर्चा गोष्ठी संपन्न हुई. दुर्ग, भिलाई और रायपुर के ख्यातनाम कहानीकारों के बीच संपन्न गोष्ठी में मुख्य अतिथि उपन्यासकार तेजिंदर ने कहा कि ‘विनोद साव की कहानियों में लेखक की समृध्द भाषा और स्थितियों पर उनकी सूक्ष्म अवलोकन दृष्टि ने कथ्य की कमी को महसूस न होने देते हुए कहानियो की पठनीयता को बढ़ा दिया है.’ अध्यक्षता कर रही डॉ. उर्मिला शुक्ल ने कहा कि ‘लेखक के संग्रह की चार प्रेम कथाओं में आज का सच बोलता है जहां यह समाज के प्रौढ़ वर्ग के विवाहेत्तर संबधों को कटघरे में खड़े करता है.’  प्रसिद्ध कथाकार परदेशी राम वर्मा ने अपने आलेख में कहा कि ‘विनोद साव व्यंग्यकार के रूप में पर्याप्त यश और सम्मान अर्जित करने के बाद कहानी लेखन के क्षेत्र में आये, इसीलिये कहानी की भाषा में एक विलक्षण सधाव है. उनका कथानक चेखव की तरह और कहने की कला विनोद कुमार शुक्ल की तरह है.’ प्रगतिशील कथाकार लोकबाबू ने कहा कि ‘विनोद की कहानियों में भाषा बहुत सुन्दर है और इसे संग्रह की पहली कहानी

एनटीपीसी बिजलीƒ घर के लिए जमीनों की अवैध खरीदी बिक्री

अब तक 4 सौ करोड़ का मामला सामने आया, 14 सौ 6 मामले निरस्त करने की कार्रवाई शुरू  कलेक्‍टर की पहल पर सामने आया भूमि घोटाला रायगढ़, 6 अप्रैल(छत्‍तीसगढ़)। जिले के पुसौर ब्‍लाक में लगने जा रहे एनटीपीसी के चार हजार मेगावाट पावर प्‍लांट के नाम पर जमीनों की अवैध खरीदी बिक्री का मामला सामने आने पर हडकंप मच गया है। ग्राम लारा सहित आधा दर्जन से अधिक ग्रामों में हुई रजिस्ट्रियों की जांच से पांच हजार से भी अधिक ऐसे खाते सामने आए हैं जिनमें 4 सौ करोड़ की राशि बतौर मुआवजा बांट दी गई। अब जिला कलेक्‍टर की जांच के बाद खातों को निरस्त करने की कार्रवाई बड़े पैमाने पर शुरू हो गई है। पुसौर ब्‍लाक के ग्राम एवं आसपास के आधा दर्जन से भी अधिक ग्रामों में करीब 7 हजार से भी अधिक रजिस्ट्रियां हो गईं और इन रजिस्ट्रियों को कराने के लिए दलालों द्वारा बड़े पैमाने पर अपनी भूमिका निभाते हुए एक के बाद एक फर्जी हस्ताक्षर व फर्जी खरीददार बनकर शासन से लाखों रूपये बतौर मुआवजे प्राप्त कर लिए गए । इस संबंध में शहर के एक सामाजिक कार्यकर्ता की मानें तो ए नटीपीसी के चार हजार मेगावाट पावर प्‍लांट ग्राम लार

निजी स्कूल प्रबंधन के द्वारा बेहिसाब लूट : त्रस्त पालक, सहमें बच्चे

भिलाई के मित्र अमरनाथ यादव नें अपने फेसबुक वाल में सी.बी.एस.ई. चेयरमैन को एक पत्र लिखा है एवं सरकार व लालची स्कूल प्रबंधन के बीच पिस रहे पालक एवं बच्चों के संबंध में जानकारी प्रकाशित की है। इनकी चिंता जायज है, शिक्षा अब व्यवसाय हो गया है जिसमें लाभ अर्जन के तमाम तरह की बुराईयां सामने आ रही है। आईये पढ़ें, सोंचें और विरोध के स्वर मुखर करें। अमर नें सी.बी.एस.ई. चेयरमैन को लिखे पत्र में कहा है कि सीबीएसई से संलग्न स्कूलों में स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रकाशकों से सांठगांठ कर प्रत्येक स्कूल में अलग अलग किताबें पढ़ाई जा रही है, और अनुचित लाभ अर्जित किया जा रहा है। क्लास 1-2 के बच्चों को शिव खेड़ा की किताबें खरीदवाई जा रही है। जो बच्चे ठीक से हिंदी, अंग्रेजी पड़ना नहीं जानते, उन्हें शिव खेड़ा का प्रबंधन कितना समझ में आयेगा और क्या यह उनके लिए रूचिकर होगा। क्या इसकी जगह पांचजन्य या समकक्ष भारतीय शिक्षोपदेशक किताब ज्यादा ऊचित नहीं होती। प्रबंधन जितनी वर्क बुक खरीदवाता है, उनमें से अधिकतर में आधे से एक चौथाई की पढ़ाई ही नहीं होती। बेवजह बच्चों पर कोर्स ज्यादा होने का दबाव होता है। इनके सांठ