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छत्‍तीसगढ़ की कला, साहित्‍य एवं संस्‍कृति पर संजीव तिवारी एवं अतिथि रचनाकारों के आलेख

लूट का बदला लूट: चंदैनी-गोंदा

  विजय वर्तमान चंदैनी-गोंदा को प्रत्यक्षतः देखने, जानने, समझने और समझा सकने वाले लोग अब गिनती के रह गए हैं। किसी भी विराट कृति में बताने को बहुत कुछ होता है । अब हमीं कुछ लोग हैं जो थोड़ा-बहुत बता सकते हैं । यह लेख उसी ज़िम्मेदारी के तहत उपजा है...... 07 नवम्बर 1971 को बघेरा में चंदैनी-गोंदा का प्रथम प्रदर्शन हुआ। उसके बाद से आजपर्यंत छ. ग. ( तत्कालीन अविभाजित म. प्र. ) के लगभग सभी समादृत विद्वानों, साहित्यकारों, पत्रकारों, समीक्षकों, रंगकर्मियों, समाजसेवियों, स्वप्नदर्शियों, सुधी राजनेताओं आदि-आदि सभी ने चंदैनी-गोंदा के विराट स्वरूप, क्रांतिकारी लक्ष्य, अखण्ड मनभावन लोकरंजन के साथ लोकजागरण और लोकशिक्षण का उद्देश्यपूर्ण मिशन, विस्मयकारी कल्पना और उसका सफल मंचीय प्रयोग आदि-आदि पर बदस्तूर लिखा। किसी ने कम लिखा, किसी ने ज़्यादा लिखा, किसी ने ख़ूब ज़्यादा लिखा, किसी ने बार-बार लिखा। तब के स्वनामधन्य वरिष्ठतम साहित्यकारों से लेकर अब के विनोद साव तक सैकड़ों साहित्यकारों की कलम बेहद संलग्नता के साथ चली है। आज भी लिखा जाना जारी है। कुछ ग़ैर-छत्तीसगढ़ी लेखक जैसे परितोष चक्रवर्ती, डॉ हनुमंत नायडू जैसों

एडवांटेज छत्तीसगढ : विजन २०१०


दैनिक भास्कर समूह नें आज छत्तीसगढ में एडवांटेज छत्तीसगढ विजन २०१० का वितरण छत्तीसगढ के प्रमुख व्यक्तियों को किया इस बहुप्रतिक्षित पुस्तक का छत्तीसगढ के प्रबुद्ध जनता एवं छत्तीसगढ के विकास में सहभागिता साबित करने वालों को बेसब्री से इंतजार था तेजी से बढते अखबार दैनिक भास्कर नें छत्तीसगढ सहित पूरे देश में अपनी व्यावसायिक क्षमता एवं पत्रकारिता के बल पर प्रकाशन की ऐसी श्रृखला को रचा है जो किसी समाचार पत्र की बढती लोकप्रियता का स्पष्ट उदाहरण है । देश की जनता में बेहद लोकप्रिय हो चुके अखबार के द्धारा छत्तीसगढ के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज के प्रकाशन, जिसके संबंध में रोज बडे बडे विज्ञापन छापे जा रहे थे, को पढने के लिए लोग उत्सुक थे जिसका इंतजार आज खत्म हो गया ।

अन्य व्यक्तियों के साथ ही भिलाई भास्कर के द्धारा मेरे संगठन को यह विजन स्टेटमेंट आज प्राप्त हुआ । बहुप्रतीक्षित एवं बहुचर्चित होने के कारण मैं इसे हांथ में आते ही चट कर गया क्योंकि बहुत ही आकर्षक तरीके से बाइंडिंग और ग्लैजड A4 पेपर में रंगीन मुद्रित १०० पेज का यह स्टेटमेंट छत्तीसगढ के विकास की गाथा कहने को बेताब दिख रहा था ।

हम उससे प्राप्त जानकारी को आपको भी परोस रहे हैं वैसे मेरे पत्रकार एवं पत्रकार टाईप चिटठाकार भाईयों को दिल्ली व छत्तीसगढ में कल भास्कर नें स्वयं ससम्मान परोस दिया था । वैसे इस किताब को भास्कर नें उच्चवर्गीय अधिकारी, प्रमुख व्यवसायी एवं उद्योगपतियों को ही नि:शुल्क उपलब्ध कराया है इस कारण प्रदेश की जनता विजन से अनभिज्ञ है इस कारण हम इसे यहां पर पोस्ट कर रहे हैं यह विजन मुल रूप से अंग्रेजी भाषा में है क्योंकि यह उसी भाषा के जानकार लोगों के पढने के लिए है फिर भी मैं अपने अल्प अंग्रेजी ज्ञान के आधार पर उसका भावार्थ प्रस्तुत कर रहा हूं, इस लेख में विजन स्टेटमेंट के अतिरिक्त मेरे स्वयं के विचार भी धुसपैठ कर गये हैं । जन्म से ब्राह्मण होने के कारण किसी किताब के संबंध में बतलाते हुए स्वाभाविक परंपरागत स्वभाव की झलक इस लेख में दिखे तो उसे इग्नोर करेंगे ।

राज्य में पूंजी निवेश की संभावनाओं को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से सरकार प्रायोजित इस विजन में वो सब है जो किसी निवेशक को लुभा सकता है वैसे रमन सरकार के सत्ता में आते ही अमेरिका के छ.ग.एन.आर.आई.एसोसियेशन का गठन हुआ था और मुख्यमंत्री स्वयं इन्ही संभावनाओं को टटोलते हुए अमेरिका का दौरा कर आये थे एवं संगठन के अघ्यक्ष पटेल जी भी इसी पर केन्द्रित अपना छत्तीसगढ दौरा किये पर अमेरिका के अनिवासीय छत्तीसगढिया, छत्तीसगढ में ढेला भर भी निवेश नही कर पाये । हमें संभावनाओं एवं आशाओं का डोर थामें रहना है क्योकि यही तो जीवन को सुखमय बनाता है ।

छत्तीसगढ शासन के गुणगान से ओतप्रोत इस स्टेटमेंट के कुल जमा ९४ अघ्याय में पहले अघ्याय Baby Steps for Big Leaps से लेकर नवम अघ्याय नगर पालिक निगम दुर्ग तक छ ग शासन से संबंधित विकास की जानकारी एवं भविष्य की योजनाओं का लेखाजोखा है बाकी के अघ्याय छत्तीसगढ में औद्योगिक एवं व्यावसायिक घरानों के छत्तीसगढ के विकास में योगदान पर केन्द्रित है ।

आधारभूत उपलब्ध जानकारी के साथ शासन के विकास हेतु नियत ऐजेंडे को बताते हुए भास्कर नें जो लिखा है वह छत्तीसगढ के विकास में रूचि रखने वालों के लिए वास्तव में एक संग्रहणीय दस्तावेज है । नये नवेले राज्य छत्तीसगढ नें अपने गठन के बाद जिस तरह से विकास किया है उसका आधार इसके थाती में भंडारित अकूत खनिज संपदा व औद्योगीकरण की अपार संभावना सहित राज्य की औद्योगिक नीति है इन दोनों हथेलियों नें राज्य निर्माण के बाद जिस तरह से ताल मिलाया है उससे ही छत्तीसगढ में विकास के रास्ते खुले हैं । यहां पर मैं बस्तर को शामिल नही कर रहा हूं पर सरकार अपने विजन स्टेटमेंट में इसे अलग नही मानती ।

विजन २०१० में भास्कर पावर हब छत्तीसगढ के बारे में दी गयी जानकारी में छत्तीसगढ राज्य विद्युत मंडल के अघ्यक्ष राजीब रंजंन के हवाले से कहता है कि राज्य में वर्तमान विद्युत आवश्यकता १८५० मे.वा.से २३०० मे.वा. की है जिसमें से अप्रैल व मई माह में यह आवश्यकता बढकर २५०० मे.वा. तक पहुच जाती है मंडल वर्तमान में राज्य की समस्त आवश्यकताओं की पूर्ती कर रही है यद्यपि उसकी वर्तमान संस्थपित क्षमता १४२४ मे.वा. ही है। पावर फाईनेंस कारपोरेशन के अनुमान से छत्तीसगढ में ११६००० मे.वा. बिजली अगले ३५ वर्षों तक प्राप्त की जा सकती है ३५००० मे.वा. प्रति वर्ष के हिसाब से यदि उत्पादित की जाय तो अगले १०० वर्षों तक यह निरंतरता बनी रह सकती है । छत्तीसगढ में पनबिजली परियोजनाओं की भी संभावनायें ३००० मे.वा. की है जिसमें से कुछ परियोजनायें योजना स्तर में हैं तो कुछ अपने उत्पादन स्तर में है कुल मिलाकर यदि देखा जाये तो राज्य में बिजली की समस्या अगले दस वर्षों तक नही आने वाली है । ग्यारहवें पंचवर्षीय योजना की समाप्ति वर्ष २०११ तक राज्य में संभावित औद्योगीकरण को देखते हुए ३७०० से ४००० मे.वा. की आवश्यकता राज्य को होगी जिसकी पूर्ती मंडल सामान्य रूप से कर सकेगी यह आंकडे राज्य में नित नये निवेश को प्रोत्साहन तो देगा ही साथ में प्रदेश के बहुमुखी विकास का बाट जोह रहे नागरिकों के हृदय में नये उर्जा का संचार भी करेगा।

राज्य में विकास के मूलभूत तत्वों में बिजली के अतिरिक्त सडक परिवहन की भी अहम आवश्यकता होती है इसके लिए भी राज्य में उल्लेखनीय कार्य किये गये हैं लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत व सचिव एम.के.राउत के हवाले से भास्कर नें लिखा है कि राज्य नें केन्द्रीय परियोजनाओं व विभिन्न अन्य कार्यक्रमों के अनुसार पूरे राज्य में सडकों का जाल बिछा दिया है अब छत्तीसगढ में एक कोने से दूसरे कोने तक परिवहन की सुगम व सरल व्यवस्था है । शहरी विकास की काया तो राज्य निर्माण के पश्चात पूरी ही पलट चुकी है नगरीय प्रशासन के सचिव व ग्रामीण स्कूल स्तर पर ई शिक्षण के विकास के पुरोधा सी. के. खेतान राज्य के शहरों के विकास के लिए कृतसंकल्पित हैं । नगरीय प्रशासन की बागडोर सम्हाले मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह नें राज्य के नगरों के विकास हेतु जिस तरह से खजाने का मुंह खोला है वह रायपुर, बिलासपुर व दुर्ग में स्पष्ट नजर आता है । विजन स्टेटमेंट में रायपुर के महापौर सुनील सोनी व दुर्ग के महापौर सरोज पाण्डेय की यशोगाथा का भी वर्णन है जिसको नगर की जनता प्रत्यक्ष अनुभव कर रही है ।

छत्तीसगढ राज्य पूरे विश्व में धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध है इसी क्रम में दसवे अध्याय में प्राउड टू बी लीडर्स के छत्तीसगढ के नामी गिरामी आर्थिक क्षेत्र के व्यक्तियों व संस्थाओं पर केन्द्रित लेखों में सबसे पहले छत्तीसगढ राईस मिल एशोसियेशन के अघ्यक्ष योगेश अग्रवाल को प्रस्तुत करते हुए भास्कर नें बतलाया है कि छत्तीसगढ में ७५ लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन होता है जो राज्य के लिए गर्व की बात है योगेश अग्रवाल जी कौन है यह छत्तीसगढ के लोग जानते हैं इनका नाम प्रथम पंक्ति में होना ही चाहिए क्योंकि धान हमारी अस्मिता है। इस स्टेटमेंट में जिन महानुभावों को शामिल किया गया है वे इस प्रकार हैं -

छत्तीसगढ का गहना सिटी माल ३६ के संजय गुप्ता जी जिन्होंने छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर में महानगरों के तर्ज पर ४ स्क्रीन आईओनेक्स मल्टीप्लेक्स जिसकी क्षमता १४०० व्यक्तियों की होगी व ३.५ लाख वर्ग फिट में संपूर्ण आधुनिक सुविधओं से युक्त सिटी माल को मूर्त रूप देने का जिम्मा व जजबा को सम्हाला है ।

अनोपचंद तिलोकचंद ज्वेलर्स के उल्लेख के बिना सचमुच यह विजन स्टेटमेंट अधूरा हो जाता इस परिवार नें आभूषणों के व्यवसाय को जिस ढंग से स्थापित किया है वह औद्योगिक घरानों से कम नही है इस परिवार नें रायपुर में आभूषणों के निर्माण उसकी व्यावसायिकता, रत्न साजी के जो पाठ्यक्रम की शुरूआत की है उसका डंका सूरत से लेकर पूरे विश्व में है । ज्वेलर्स में सन एन्ड सन के राजेन्द्र शर्मा, महावीर अशोक के प्रवीण वूरड व कमलेश वूरड का भी नाम भुलाया नही जा सकता ।

छत्तीसगढ के विकास में अग्रणियों में से औद्योगीकरण के सूत्रधार छत्तीसगढ उद्योग महासंघ के महेश कक्कड जी, छत्तीसगढ में कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत डा.खण्डूजा, पांच सितारा भव्य होटेल के संचालकों में सेलेब्रेशन के हरमीत सिंह होरा व कमलजीत सिंह होरा, अतिउच्चस्तरीय विलासिता संसाधनों से भरपूर होटल बेबीलोन के जगजीत सिह खुराना व परमजीत सिंह खुराना, दिशा एजूकेशन सोसायटी के एस.के.जैन, रूगटा इंजीनियरींग कालेज के रूंगटा परिवार, हीरा सोप से हीरा ग्रुप आफ इंडस्ट्रीज के बी.एल.अग्रवाल जिन्होनें साबुन बनाने से लेकर गोदावरी पावर एण्ड स्पात सहित दस उद्योगों को खडा कर दिया, नीको ग्रुप के बसंतलाल अग्रवाल जिन्होंने छत्तीसगढ में सर्वप्रथम भारी लौह उद्योग स्थापित किया,जिन्दल ग्रुप के नवीन जिन्दल जी के योगदान को छत्तीसगढ में भुलाना मुश्किल है नीको ग्रुप के बाद जिन्दल नें ही छत्तीसगढ में लौह उद्योगों को नवीन दशा व दिशा प्रदान किया, जिन्दल ग्रुप के बाद मोनेट ग्रुप नें भी राज्य में लौह उद्योग के साथ साथ विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में जो प्रयास किया है उसे उल्लेख करना आवश्यक है, पावर व स्टील के पुरोधाओं में पाटनी प्रोजेक्ट के अमित पाटनी, रायपुर एलाज के कमल सारडा, सिम्पलेक्स ग्रुप के एच.बी.शाह सहित राज्य के बोर्डिंग स्कूल युगांतर के सुशील कोठारी को भी इस विजन स्टेटमेंट में स्थान दिया गया है ।

छत्तीसगढ के बस्तर में लौह उद्योग लगाने के लिए प्रयासरत टाटा ग्रुप के पितामह जमशेद जी नुसरवानजी टाटा का नाम भी इस स्टेटमेंट में दिया गया है जिसे हम विजन २०१० के लिये अग्रिम में दिया गया समझते हुए इस कथा को यहीं समाप्त करते हैं ।

अथ श्री बीजेपी प्रायोजित विज्ञापन दाताओं को महिमामंडित करने के उद्देष्य से भास्कर विरचित एडवांटेज छत्तीसगढ विजन २०१० पुराणे सम्पन:

टिप्पणियाँ

  1. ह्म्म, ऐसा प्रतीत होता है कि इसमें सिर्फ़ वर्तमान व भावी विज्ञापन दाताओं का गुणगान किया गया है

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आपकी टिप्पणियों का स्वागत है. (टिप्पणियों के प्रकाशित होने में कुछ समय लग सकता है.) -संजीव तिवारी, दुर्ग (छ.ग.)

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